नई दिल्ली : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा ने जनहित के कामों से लगता है दुश्मनी पाल ली है।
उसकी सोच शायद यह है कि जब झांसा देकर सरकार बनाई जा सकती है ओर चार वर्ष तक चलाई जा सकती है तो काम करने की जरूरत ही क्या है?
भाजपा ने मानो तय कर लिया है कि कहीं गलती से भी विकास न हो तभी तो भाजपा सरकार एक भी उल्लेखनीय काम वह नहीं गिना पा रही है। समाजवादी सरकार ने अपने कार्यकाल केउत्तरार्द्ध के ढाई वर्ष में जितने काम किए उनका कोई मुकाबला नहीं।
भाजपा सरकार ने सबसे बड़ा धोखा किसानों को दिया है। कर्जमाफी का झूठा नाटक करने के बाद अब बहाने बनाकर किसान सम्मान निधि में दी गई धनराशि की वसूली करने में लग गई है।
भाजपा की कृषि विरोधी नीतियों के चलते बुंदेलखण्ड के परेशान सैकड़ों किसानों ने आत्महत्या कर ली। भयंकर शीत में भी गाजीपुर सीमा पर किसान आंदोलन कर तीन काले कृषि कानूनों को वापस लिए जाने और एमएसपी का कानून बनाये जाने की मांग कर रहे हैं। भाजपा उनकी मांग न मानने पर खामखां अड़ी हुई है।
सच तो यह है कि अधूरे मन से किया गया काम कभी पूरा नहीं होता। नफरत की राजनीति का पर्याय भाजपा सरकार में समाजवादी सरकार के समय प्रारम्भ समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे 4 साल में भी अधूरा।
निम्न गुणवत्ता का निर्माण कार्य, किनारे पर न मंडिया बनाई, नहीं रास्ते की सुविधाओं का ध्यान रखा। जब समाजवादी पार्टी सरकार आएगी तब समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का नवीनीकरण होगा। मुख्यमंत्री जी बस निरीक्षण ही कर रहे हैं।
समाजवादी सरकार में झांसी मेडिकल कालेज में 500 बेड के अस्पताल के लिए बजट जारी कर दिया गया था और निर्माण कार्य भी शुरू हो गया था।
इस पर एक अरब 88 करोड़ रूपए खर्च हो चुके थे लेकिन भाजपा सरकार ने काम रूकवा दिया। मात्र 42 करोड़ की जरूरत काम पूरा करने की थी पर भाजपा सरकार ने वह रकम नहीं दी, फलतः अस्पताल का विस्तार नहीं हो सका।
पूर्व मंत्री एवं सांसद मोहम्मद आजम खां के प्रयासों से बने मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय को नामानिशान मिटाने का काम सुनियोजित ढंग से भाजपा राज में चल रहा है।
समाजवादी सरकार के समय सरकारी विश्वविद्यालयों के आधुनिकीकरण का काम हुआ था और एमिटी, बेनेट और एरा जैसी प्राईवेट यूनिवर्सिटियां शुरू हुई थी। 3 महीने में शिक्षामित्रों की समस्या का समाधान करने का वादा भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में किया था 4 साल हो गए अभी तक समाधान नहीं हुआ।
समाजवादी पार्टी की सरकार के कार्यकाल में लखनऊ में गोमती नदी की सफाई और रिवरफ्रंट जैसी सौंदर्यस्थली के विकास का काम हुआ था। भाजपा सरकार के आते ही गोमती नदी की उपेक्षा शुरू हो गई, नाले गिरने और कूड़ा डम्प होने से गोमती अब महाप्रदूषित हो चुकी है। रिवरफ्रंट बर्बाद हो गया है।
समाजवादी सरकार ने आधुनिक सुविधायुक्त एम्बूलेंस सेवा 108 की शुरूआत की थी। भाजपा की उदासीनता से वह सेवा भी बर्बाद हो गई। आगरा में बिना आक्सीजन सिलेण्डर किट के दौड़ती खटारा एम्बूलेंस मरीजों के लिए काल बन गई है।
कानपुर की स्मार्टसिटी का हाल भी बेहाल है। स्मार्टसिटी के नाम पर सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे हैं। लोग उनमें गिरकर चोटिल हो रहे हैं। गोवंश भूखा रहने और ठण्ड में ठिठुरने पर मजबूर है। सभी वार्डों और घरों से कूड़ा नहीं उठ रहा है।
पूरे प्रदेश में गोवंश की दुर्दशा है और सड़कों पर गड्ढे हैं। गड्ढ़ा मुक्त अभियान कब चला कब बंद हो गया पता नहीं चला? भाजपा की इस धोखाधड़ी का जवाब जनता 2022 में देगी।