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देश: आज से दिल्ली समेत उत्तर भारत मे अगले तीन दिनों तक भारी बारिश की संभावना, IMD ने जारी किया अलर्ट

नई दिल्ली : भारतीय मौसम विभाग ने बीते शुक्रवार को उत्तर और पूर्वोत्तर भारत में तेज बारिश होने का अनुमान जताया है, ऐसे में दिल्ली-एनसीआर के आज सुबह से ही आसमान में बादल छाए हुए हैं, कुछ इलाकों में हल्की बारिश होने के आसार हैं, वहीं आईएमडी ने पश्चिम बंगाल, असम और मेघालय के लिए 19 से 20 जुलाई तक रेड और 21 जुलाई के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है.

उत्तर और पूर्वोत्तर इलाकों में बारिश में वृद्धि के आसार

मौसम विज्ञान विभाग ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, दिल्ली, हरियाणा और बिहार के लिए भी ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है, विभाग के मुताबिक 18 जुलाई यानि आज से मानसून हिमालय के तलहटी इलाकों को ओर बढ़ना शुरू हो सकता है, मौसम विभाग ने बताया कि बंगाल की खाड़ी से पूर्वोत्तर की ओर जाने वाली दक्षिणी पश्चिमी नम हवाओं और अरब सागर की ओर से आने वाली हवाओं के कारण 18 और 19 जुलाई को भारत के उत्तर और पूर्वोत्तर इलाकों में बारिश में वृद्धि हो सकती है.

असम में तेज बारिश की संभावना

मौसम विज्ञान विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक असम में तेज बारिश के चलते बाढ़ की स्थिति और भयाभय हो सकती है, राज्य में बाढ़ से अब तक 97 लोगों की जान जा चुकी है और करीब 36 लाख लोग प्रभावित हुए हैं, मिली जानकारी के मुताबिक मरने वालों में से 71 लोगों की जान बाढ़ से और 26 लोगों की मौत बाढ़ के कारण जमीन धंसने से हुई है.

बाढ़ से 36 लाख से अधिक लोग प्रभावित

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य का धुवड़ी जिला हैं, जहां 36 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, फिलहाल, राज्य में बाढ़ के चलते करीब साढ़े तीन हजार गांव डूबे हुए हैं और लगभग 1.28 लाख जमीन पर खड़ी फसल नष्ट हो चुकी है, राज्य में ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जिसके चलते आस पास के इलाकों में बसे लोगों में डर का माहौल बना हुआ है.

अमम 27 जिलों में पहुंचा बाढ़ का पानी

बाढ़ की चपेट में आने से जानवरों की भी लगातार मौत हो रही है, आंकड़ो के मुताबिक अब तक यहां काजीरंगा नैशनल पार्क के 6 गैंड़ो सहित कुल 76 जानवरों की मौत हो चुकी है, राज्य के 27 जिलों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है, जिसके चलते 50 हजार से अधिक लोग राहत कैंपों में रहने को मजबूर हैं.

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