अमृतसर: कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाली धारा 370 को निष्प्रभावी बनाए जाने के बाद से भाजपा नेताओं द्वारा कश्मीरी लड़कियों को लेकर विवादित बयानबाजी जारी है। बीते रोज़ शुक्रवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी कश्मीरी लड़कियों को लेकर विवादित बयान दिया था। लेकिन इस सबके बीच पंजाब से अकाल तख्त के जत्थेदार ने सिख समुदाय से अपील की है कि वे आगे आएं और कश्मीर की लड़कियों, महिलाओं को रक्षा करें।
अकाल तख़्त ने कहा कि ये उनका धार्मिक कर्तव्य है कि वे कश्मीर की महिलाओं का सम्मान करें और उनकी रक्षा करें। बता दें कि अनुच्छेद 370 हटाने के बाद भाजपा के कुछ नेताओ और सोशल मीडिया पर कई लोगों ने कश्मीरी लड़कियों को लेकर टिप्पणी की हैं। जानकारी के लिये बता दें कि अकाल तख्त सिखों की सबसे बड़ी संस्थाओं में से एक है।
कश्मीरी लड़कियों की रक्षा हमारा का कर्तव्य
सिख समुदाय के अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि ईश्वर ने सभी इंसानों को एकसमान अधिकार दिए हैं। इसलिये किसी के भी साथ लिंग, जाति और धर्म के आधार भेदभाव करना भी अपराध है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद सोशल मीडिया पर कश्मीरी लड़कियों के खिलाफ जिस तरह की टिप्पणियां चुने हुए प्रतिनिधि कर रहे हैं वो सिर्फ अपमानित करने वाली बल्कि अक्षम्य हैं।
अकाल तख़्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने बगैर किसी का नाम लिये कहा जिस तरह कुछ लोग कश्मीर की बेटियों की तस्वीर सोशल मीडिया में शेयर कर रहे हैं। उसने भारत की छवि को नुकसान पहुंचाया है। महिलाओं के लिए एसी टिप्पणियां आपत्तिजनक है। ये लोग भूल गए हैं कि एक महिला किसी की माँ, बेटी, बहन और पत्नी है। ये वो महिलाएं हैं जिनके पास सृजन की शक्तियां हैं।
84 में भी ऐसी ही प्रतिक्रिया थी
ज्ञानी हरप्रीत ने किसी भी समुदाय का नाम लिए बगैर कहा कि कश्मीरी महिलाओं को निशाना बनाने वाली ये भीड़ वही है और ठीक उसी तरह प्रतिक्रिया कर रही है जैसा 1984 दंगो के दौरान उन्होंने सिख महिलाओं के खिलाफ की थी। उन्होंने कहा कि कश्मीरी महिलाएं हमारे समाज का हिस्सा हैं। उनके सम्मान की रक्षा करना हमारा धार्मिक कर्तव्य है। हरप्रीत ने कहा कि कश्मीरी महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिए सिखों को आगे आना चाहिए। यह हमारा फर्ज है और यह हमारा इतिहास है।
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