नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी अधिकारियों के साथ मिल कर एमसीडी में भ्रष्टाचार कर रही है। भाजपा नेताओं ने सबसे पहले तत्कालीन एमएचओ अरुण बंसल पर दवा खरीद की फाइल पर हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया और उनके इन्कार करने पर उन्हें 3 जुलाई 2019 को निलंबित करा कर अपने चहेते अधिकारी अशोक रावत को डीएचओ से एडिशनल एमएचओ बना दिया। अशोक रावत ने 25 जुलाई को दवा खरीद की फाइल पर हस्ताक्षर किया और 26 जुलाई को निलंबित अरुण बंसल को बहाल कर दिया गया। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने एक प्रेस वार्ता के दौरान यह बातें कहीं। उन्होंने भाजपा नेताओं से सवाल किया है कि उनका अशोक रावत से क्या संबंध है? क्या अशोक रावत जैसे अधिकारियों की वजह से ही एमसीडी में उनके भ्रष्टाचार का पूरा नेक्सस चल रहा है?

आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को लेकर एक बार फिर भाजपा पर हमला किया। उन्होंने बुधवार को पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा ने एमसीडी में घोटाला करने के लिए एमएचओ को पद से हटा दिया था। दुर्गेश पाठक ने कहा कि जब एमसीडी डेंगू के मच्छरों को मारने वाली दवाई खरीदना चाहती थी, तो उस समय अरुण बंसल एमएचओ थे। भाजपा ने दवाई खरीदने के लिए उनपर दबाऊ बनाया, लेकिन उन्होंने हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। इसके बाद बाद 3 जुलाई 2019 को अरुण बंसल को सस्पेंड कर अशोक रावत को एडिशनल एमएचओ बना दिया गया।

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भाजपा शासित एमसीडी भ्रष्टाचार का ऐसा दलदल बनती जा रही- दुर्गेश पाठक

भाजपा पर निशाना साधते हुए दुर्गेश पाठक ने कहा कि एमएचओ बनने के बाद 25 जुलाई को अशोक रावत ने फाइल पर हस्ताक्षर कर दिए और 26 जुलाई को एक बार फिर से अरुण बंसल की बहाली कर दी गई। इस सारे भ्रष्टाचार के लिए अरुण बंसल को पद से हटाया गया और यह कहानी गढ़ी गई। बहाली के चार दिन बाद यानी 30 जुलाई को अरुण बंसल रिटायर कर दिया गया। उसके बाद से आज तक नॉर्थ एमसीडी में किसी एमएचओ की बहाली नही की गई है, अशोक रावत ही एमएचओ बनकर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा की एमसीडी भ्रष्टाचार का ऐसा दलदल बनती जा रही है कि मैं कोई भी फाइल उठाता हूं और उसके 10 पेज पढ़ता हूं, तो मुझे बहुत बड़ा भ्रष्टाचार नजर आ जाता है। कल मैंने डेंगू मच्छर को मारने में इस्तेमाल होने वाली दवाई का घोटाला आपके सामने रखा था। भाजपा ने जो दवा 3256 रुपये में खरीदी असल में वो दवा 2500 रुपये में मिलती है।

जब अशोक रावत करोल बाग के डीएचओ थे, तब भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता मेयर थे- दुर्गेश पाठक

उन्होंने आगे कहा कि भाजपा के कई प्रवक्ताओं ने मेरी प्रेस वार्ता के पश्चात कहा कि यह दवाई एमसीडी ने सरकारी कंपनी से खरीदी है। लेकिन उनको ऑर्डर की कॉपी पढ़नी चाहिए, जिसमें कंपनी का नाम साफ लिखा। वह कोई सरकारी कंपनी नहीं है। उन्होंने कहा कि दवा खरीद के दिए गए ऑर्डर में जो हस्ताक्षर हैं, वो एडिशनल एमएचओ अशोक रावत के हैं। जब अशोक रावत करोल बाग के डीएचओ थे, तो भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता मेयर हुआ करते थे। अचानक अशोक रावत को एडिशनल एमएचओ का पद सौंप दिया गया। जबकि डीएचओ को कभी भी एमएचओ का पद नहीं दिया जाता। इसमें भी भ्रष्टाचार हुआ।

आप नेता दुर्गेश पाठक ने आगे कहा कि अशोक रावत से जुड़ा हुआ यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी लगभग दो साल पहले करोल बाग के एक होटल में आग लगी थी और उसमें 17 निर्दोष लोगों की मौत हुई थी। अशोक रावत ने ही उस होटल को लाइसेंस दिया था। विजिलेंस की जांच कहती है कि अशोक रावत पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए, इस मामले पर उनको एक चेतावनी भी दी गई थी और ऐसे व्यक्ति को भारतीय जनता पार्टी ने एडिशनल एमएचओ बना कर इतने बड़े संवैधानिक पद पर बैठा दिया है।

कांग्रेस भी भाजपा के साथ मिल कर एमसीडी में भ्रष्टाचार कर रही है- दुर्गेश पाठक

दुर्गेश पाठक ने आगे कहा कि हमारा सीधा सवाल भाजपा और उनके प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता से है। भाजपा का अशोक रावत के साथ क्या संबंध है? क्या अशोक रावत भाजपा के कमाऊ पूत हैं? क्या भाजपा इस तरह के अधिकारियों के साथ मिलकर एमसीडी में भ्रष्टाचार कर रही है? आप नेता ने कांग्रेस पर भी भाजपा के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि तीन महीने पहले एमसीडी के भ्रष्टाचार का मामला कांग्रेस के सामने भी आया था और अपील की गई थी कि सदन में इस मुद्दे को उठाया जाए। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने आज तक इस पर कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस भ्रष्टाचार से कांग्रेस को कितना पैसा जाता है? कांग्रेस बताए कि दवाई घोटाले में कांग्रेस नताओं को कितने रुपये दिए गए हैं।

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