नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार की गाइड लाइंस का पालन करते हुए दिल्ली में कुछ गतिविधियों को शर्तों के साथ खोलने की इजाजत दे दी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि केंद्र सरकार ने पूरे दिल्ली को रेड जोन घोषित किया है। केद्र सरकार की गाइड लाइंस का अध्ययन करने के बाद दिल्ली सरकार ने फैसला लिया है कि मार्केट, माॅल और मार्केट काम्प्लेक्स बंद रहेंगे। जबकि स्टैंड अलोन शाॅप, नेवरहूड शाॅप और रेजिडेंशियल काम्प्लेक्स मे जो दुकानें हैं, वह खुलेंगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब हमें कोरोना के बीच जीने की आदत डालने के लिए तैयार हो जाना चाहिए। ऐसा कभी नहीं हो सकता है कि कोरोना पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। लिहाजा दिल्ली सरकार ने अपनी पूरी तैयारी कर ली है। लाॅक डाउन से पूरी अर्थव्यवस्था बिगड़ गई है। लिहाजा, अब दिल्ली को खोलने का वक्त आ गया है। इसके लिए हम केंद्र सरकार से भी बात कर रहे हैं और उम्मीद है कि जल्द ही दिल्ली के सभी मार्केट खुलेंगे।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डिजिटल प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि आज दूसरे लाॅकडाउन का आखिरी दिन है। केंद्र सरकार ने ऐलान किया है कि दो सप्ताह के लिए लाॅक डाउन को और बढ़ाया जा रहा है, लेकिन कुछ छूट दी जा रही है। उनमें से क्या छूट दी जा रही है और क्या नहीं दी जा रही है। इस पर दिल्ली सरकार ने पिछले दो दिन में काफी गहनता से सोच विचार किया है। केंद्र सरकार ने पूरी दिल्ली को रेड जोन घोषित किया हुआ है। रेड जोन में केंद्र सरकार ने जितनी भी छूट देने की अनुमति दी है, वह सभी छूट हम लोग दिल्ली के अंदर देने जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मेरा मानना है कि कोरोना को रोकने के लिए लाॅक डाउन को लागू करना बहुत जरूरी था। केंद्र सरकार ने 24 मार्च को लाॅकडाउन लागू किया, जो सही था। उस दौरान यदि हम लाॅक डाउन नहीं लागू करते तो आज देश के अंदर भयावह स्थिति हो सकती थी। क्योंकि उस समय देश कोरोना से लड़ने के लिए तैयार नहीं था। उस समय हमारे पास पीपीई किट्स नहीं थे, हमारे पास टेस्टिंग किट्स नहीं थे, अस्प्ताल तैयार नहीं थे, लोग तैयार नहीं थे और सोशल डिस्टेंसिंग का आइडिया नहीं था। अब डेढ़ महीने के बाद हमें लग रहा कि दिल्ली आज लाॅकडाउन खोलने के लिए तैयार है। केंद सरकार ने पूरी दिल्ली को रेड जोन में रखा है। अभी तक केंद्र सरकार से जितनी भी गाइड लाइंस आई, सभी अच्छी गाइड लाइंस आईं और हमने सबका पालन किया। लेकिन अब पूरे दिल्ली को रेड जोन घोषित कर देने से कई समस्याएं आ रही हैं।
इससे आम जनता को बहुत बड़ी तकलीफ है। लोगों के रोजगार चले गए हैं। दुकानें और इंडस्ट्री बंद हैं, उससे बहुत सारे लोगों की नौकरियां जा रही हैं। लोग अब दिल्ली को छोड़ कर चले जाएंगे। इससे पूरी अर्थव्यवस्था गड़बड़ा गई है। इसे हम काफी दिनों तक बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे। दूसरी तरफ, जब सारी अर्थ व्यवस्था बंद है, तो सरकार को राजस्व मिलना बंद हो गया है। हम तनख्वाह कहां से देंगे, सरकार कहां से चलेगी? राजस्व का आना बिल्कुल बंद हो गया है। अप्रैल में हर साल करीब 3500 करोड़ का राजस्व आता था। लेकिन इस बार सिर्फ 300 करोड़ का राजस्व आया है। इससे हम तनख्वाह भी नहीं दे सकते हैं। अर्थव्यवस्था का बड़ा संकट पैदा हो रहा है। मेरा मानना है कि लाॅक डाउन के समय का इस्तेमाल हमें कोरोना से लड़ने की तैयारी करने में करना चाहिए और हमने इसका भरपूर इस्तेमाल किया है। ऐसा कभी नहीं हो सकता है कि कोरोना जीरो हो जाएगा,
कोरोना का एक भी मरीज नहीं होगा, आगे कोरोना कभी हो ही नहीं सकता है, ऐसा पूरी दुनिया में नहीं हो रहा है। यह संभव ही नहीं है। कोरोना आ गया है और कोरोना रहेगा। अब हमें कोरोना के साथ जीने की आदत डालनी पड़ेगी। सरकारो ंको इससे लड़ने की तैयारी करनी पड़ेगी। देश को इसकी तैयारी करनी पड़ेगी। आज दिल्ली इसके लिए तैयार है। आज हमने इसके लिए पूरे उपाय कर लिए हैं। पर्याप्त अस्पतालों और टेस्टिंग व पीपीई किट्स आदि का इंतजाम कर लिया है। हमने केंद्र सरकार को सुझाव दिया है कि दिल्ली में करीब 97 कंटेन्मेंट जोन हैं, उनको पूरी तरह से सील कर दिया जाएगा। बाकी दिल्ली को ग्रीन कर दिया जाए और सभी मार्केट को खोल दिया जाए। मार्केट में चाहें तो आॅड ईवन कर दिया जाए।
लेकिन अब दिल्ली को खोलने का समय आ गया है। हम इसके लिए तैयार हैं और केंद्र सरकार से इसके लिए बात भी कर रहे हैं। हमें पूरी उम्मीद है कि जल्द ही दिल्ली के सभी मार्केट खुलेंगे और अर्थव्यवस्था खुलेगी। ऐसा होने से थोड़े केस बढेंगे, लेकिन जो केस बढ़ेंगे, उससे हम निपटने के लिए तैयार हैं। इस समय हमारा दो मुख्य मकसद है। पहला मकसद है कि किस तरह दिल्ली में होने वाली कोरोना से मौतों को कम किया जाए और हम अभी तक इसे कम करने में सफल रहे हैं। दूसरा यह है कि कैसे कोरोना को फैलने से रोका जाए। इसके लिए दिल्ली सरकार बहुत ज्यादा टेस्ट कर रही है। ताकि हमें पता चल सके कि कौन बीमार है, ताकि उसका इलाज कर घर भेज सकें। मैं उम्मीद करता हूं कि हम केंद्र सरकार को मनाने में भी सफल होंगे और लाॅकडाउन के समय में जो भी राहत दी गई है, उससे सभी लोगो को फायदा होगा।