नई दिल्ली : देवेंद्र फडणवीस ने अनिल देशमुख के इस्तीफे पर कहा कि यह इस्तीफा अपेक्षित था, यह इस्तीफा पहले ही दे दिया जाना चाहिए था, नैतिकता का पहले ही पालन करना चाहिए था, लेकिन अफसोस कोर्ट के फैसले का इंतजार करना पड़ा.
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अभी भी सीएम की चुप्पी हैरान करने वाली है, उनकी आखिरी प्रतिक्रिया मुझे याद है कि उन्होंने कहा था कि सचिन वाजे लादेन है क्या? इसके बाद उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पुलिस विभाग के अधिकारियों को 100 करोड़ की वसूली के काम मे लगाना, ट्रांसफर-पोस्टिंग में रिश्वतखोरी ये सब मामूली घटनाएं नहीं हैं, जैसे-जैसे मामला आगे बढ़ेगा कई चेहरे बेनकाब होंगे और एक तरह से महाराष्ट्र की राजनीति और पुलिस विभाग में स्टेट स्पॉन्सर्ड करप्शन बड़े पैमाने पर घुस गया है.
उन सबकी सफाई हो जाएगी, पुलिस विभाग राजनीतिक आकाओं के कहने पर काम करती है, वो खुद से कुछ नहीं करती, उन्हें निर्देश दिए जाते हैं, देवेंद्र फडणवीस ने साथ ही कहा कि यह जांच अनिल देशमुख तक ही सीमित नहीं रहेगी, इस जांच के दरम्यान कई चेहरों से पर्दे हटेंगे.
सीवीआई उन्हें अरेस्ट करेगी या नहीं इस बारे में सीवीआई ही तय करेगी, लेकिन इतना तय है कि गृहमंत्री के पद पर रहते इसकी निष्पक्ष जांच पुलिस कैसे कर सकती थी? इसलिए कोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी है, अब सवाल उठता है कि इस सरकार में कोई नैतिकता रह भी गई है क्या?
मैं लगातार सवाल उठा रहा था, सबूत दे रहा था, लेकिन जांच नहीं हो रही थी, उल्टा मुझपर दबाव बनाया जा रहा था कि मेरे खिलाफ ही जांच करवाई जाएगी, शिवसेना इस मामले से पल्ला नहीं झाड़ सकती क्योंकि सारे महत्वपूर्ण निर्णय सीएम के आदेश से होते हैं, इसलिए एनसीपी अकेली नहीं है, शिवसेना की भी जिम्मेदारी बनती है.
कांग्रेस भी इस पूरे मामले में अपनी जमीन तलाश रही थी, इसलिए इस सरकार में अब कोई नैतिकता बची ही नहीं है, आज कोर्ट के फैसले के बाद इस्तीफा लिया गया है, पहले ठाकरे सरकार में नैतिकता कहां गई थी?
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह जनता के विश्वास को धोखा देकर बनी हुई सरकार है, बिना मैंडेट हासिल किए जोड़-तोड़ से बनी हुई सरकार है, तीन चक्कों वाली इस सरकार में तीनों पार्टियों में कोई समन्वय नहीं है.
एक पार्टी इधर भागती है तो दूसरी पार्टी उधर, ठाकरे सरकार के कारनामों को देख कर जनता अब ऊब गई है, सरकार अपने ही बोझ से गिर जाएगी, हमें सरकार गिराने की जरूरत नहीं.