शमशाद रज़ा अंसारी

मुसलमानों की बड़ी जमाअत सुन्नियों में मौलाना क़ासिम नानौतवी का नाम बड़े अदब से लिया जाता है। मौलाना क़ासिम विश्व के सबसे बड़े इस्लामिक संस्थानों में से एक दारूलउलूम देवबन्द के संस्थापक थे। मौलाना क़ासिम के नाम के अदब के कारण ही उनसे निस्बत रखने वाले लोग अपने नाम के आगे “क़ासमी” लगाते हैं। लेकिन सूत्रों की मानें तो अब इस घराने के वारिसों में जायदाद को लेकर आपस में विवाद हो रहा है।

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जिसमें मौलाना तय्यब के बेटे डॉ आज़म क़ासमी पक्ष का कहना है कि मौलाना क़ासिम के पोते मौलाना तय्यब की जायदाद का बंटवारा होने के बावज़ूद जायदाद में हिस्से को लेकर उनके पोतों द्वारा अदालत में झूठा हलफनामा दिया गया है। जिसके कारण उनके जेल जाने की नौबत भी आ सकती है।

 मौलाना तय्यब के वारिस

आज़म क़ासमी पक्ष ने बताया कि मौलाना तय्यब के तीन पुत्र थे। मौलाना सालिम क़ासमी, मौलाना असलम क़ासमी और डॉ आज़म क़ासमी। मौलाना तय्यब क़ासमी की जायदाद इन तीनों में बराबर तक़सीम हुई थी। जिसके बाद तीनों के हिस्से अलग-अलग हो गये। मौलाना तय्यब के तीनों पुत्रों में जायदाद के बंटवारे को लेकर कभी कोई विवाद नही हुआ।

मौलाना सूफियान क़ासमी, मोहतमिम दारूलउलूम देवबन्द(वक्फ)

 कब शुरू हुआ विवाद

मौलाना तय्यब के इंतकाल के 35 वर्ष बाद मौलाना सालिम के तीन पुत्रों  सुफियान क़ासमी, अदनान क़ासमी, आसिम कासमी ने अपने चाचा असलम क़ासमी और आज़म क़ासमी की जायदाद में अपना हिस्सा होने का दावा कर दिया।

वादीगण ने अपने दावे में लिखा है कि वह अपने दादा की सम्पत्ति के हिस्सेदार हैं। वह लम्बे अरसे से बाहर रहते हैं। पिता की मृत्यु के बाद जब देवबन्द आये तो उन्हें पता चला कि हाउस टैक्स रजिस्टर में उनके चाचाओं के नाम हैं लेकिन उनके पिता का नाम नही है। साथ ही उनकी मर्ज़ी के बिना उनके दादा मौलाना तय्यब की सम्पत्ति को बेचा जा रहा है।

जायदाद में हिस्सा पाने के लिए झूठ को बनाया हथियार

आज़म क़ासमी पक्ष का कहना है कि वादीगण ने अपना हिस्सा दिखाने के लिए एक फर्जी एफिडेविट डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के यहां से बनवाया है। जिसमें उन्होंने दावा किया है कि मौलाना सालिम कासमी के तीन वारिस हैं, जबकि वादीगण के पिता मौलाना सालिम कासमी के द्वारा बनाई गई वसीयत में मौलाना ने छह वारिस का जिक्र किया है। जिनमें उनके चार पुत्रों एवं दो पुत्रियों का ज़िक्र है। वादीगण ने जायदाद के लालच में अपने दादा मौलाना तय्यब की वसीयत का तो इंकार किया ही,अपने एक भाई तथा दो बहनों का वजूद भी ख़त्म कर दिया। इसके अलावा वादिगण ने लिखा है कि वह लम्बे अरसे से देवबन्द से बाहर थे। जबकि वादिगणों में से सूफियान क़ासमी देवबन्द ही रहते हैं तथा वक़्फ़ दारूलउलूम देवबन्द के मोहतमिम हैं।

क्या बोले वादिगण के सम्बन्धी

इस बारे में जब हिन्द न्यूज़ ने वादीगण के अहम सदस्य मौलाना सुफ़ियान के बेटे मौलाना साकेब क़ासमी से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने आसिम क़ासमी के मामलों को देखने वाले अनस खुर्शीद का नंबर देकर उनसे बात करने को कहा, जब संवददाता द्वारा अनस से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमने तीन वारिस होने का हलफनामा नही दिया है। यह हमें बदनाम करने की साजिश है। हमारा आपस में कोई विवाद नही है। बराए मेहरबानी आप मसले को न उछालें

क्या कहते हैं आमजन

क़ासमी घराने में जायदाद को लेकर शुरू हुये विवाद के बाद मुस्लिम समुदाय में भूचाल आ गया है। इस विवाद के कोर्ट में जाने के बाद लोग देवबन्द एवं क़ासमी घराने की शान को लेकर फ़िक्रमंद हैं, साथ ही लोगों में गुस्सा भी है।

आम लोगों का मानना है कि कारी तय्यब जैसी अज़ीम शख़्सियत की वसीयत को  आसीम क़ासमी और सुफियान क़ासमी द्वारा ना मानना और अपने सगे चाचा का  हक़ दबाना, कोर्ट में झूठे  वारिसाना सर्टिफिकेट डीएम ऑफिस से बनवाना और लोगो को दुकान बेचने के नाम पर पैसे लेकर परेशान करना जैसे काम क्या क़ासमी खानदान और इनके चाहने वालो के लिए तकलीफ देने बात नहीं है।

आसिम क़ासमी, संचालक तय्यब ट्रस्ट

क्या इन हरकतों से दारुल उलूम वक्फ और देवबंद बदनाम नहीं होंगे और कासमी घराने की इज़्ज़त पर बट्टा नहीं लगेगा? हालाँकि इस पूरे मामले में सही ग़लत का फैसला कोर्ट करेगी। लेकिन जायदाद के लिए मौज़ूदा हालात पैदा करके मौलाना क़ासिम नानौतवी के चश्म ओ चिराग़ों ने उनसे अक़ीदत रखने वालों के दिलों को ठेस ज़रूर पँहुचाई है। अब जब भी क़ासमी घराने का नाम आएगा तो सूफियान और उनके भाइयों द्वारा कोर्ट में दिए गये झूठे हलफनामों को भी याद किया जायेगा।

तय्यब ट्रस्ट भी है सवालों के घेरे में

हिन्द न्यूज़ ने जब इस जायदाद के झगड़े के बारे में पूरी तहक़ीक़ात की तो मौलाना तय्यब के नाम पर उनके पोते आसिम क़ासमी द्वारा चलाये जा रहे तय्यब ट्रस्ट को लेकर भी सनसनीखेज बातें सामने आईं। हिन्द न्यूज़ को सूत्रों द्वारा आसिम क़ासमी द्वारा चलाये जा रहे तय्यब ट्रस्ट में भी गड़बड़ी होने की जानकारी मिली है। हिन्द न्यूज़ द्वारा इसकी पूरी तहक़ीक़ात करके जल्द ही तय्यब ट्रस्ट में गड़बड़ी होने की सच्चाई सामने लाई जायेगी।

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