नई दिल्ली : राहुल गांधी ने किसान आंदोलन में महिलाओं की भागीदारी की सराहना करते हुए कहा कि यह भारत में स्त्रीवाद का एक पहलू है.
राहुल ने एक खबर का स्क्रीनशॉट शेयर किया है, जिसमें महिलाओं के हवाले से लिखा गया है, ‘हम महिलाएं चूल्हा चौका भी वहीं लगा लेंगी,’ राहुल ने कहा कि अपने अधिकार के लिए लड़ रही सभी बहनों को नमन्!
राहुल ने लिखा- आंदोलन में शामिल महिला किसान की शक्ति और संकल्प भी भारत के फ़ेमिनिज़म का एक पहलू है.
कृषि क़ानूनों के रद्द होने तक ये डटकर मोदी सरकार के अत्याचारों का सामना कर रही हैं, अपने अधिकार की लड़ाई में उतरीं इन सभी बहनों को नमन!
राहुल ने किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच दूसरे दौर की बातचीत की पृष्ठभूमि में कहा था कि कृषि संबंधी ‘काले कानूनों’ को पूरी तरह से रद्द करने से कम कुछ भी स्वीकार करना किसानों के साथ विश्वासघात होगा.
उन्होंने ट्वीट किया था, ‘काले कृषि कानूनों को पूर्ण रूप से रद्द करने से कम कुछ भी स्वीकार करना भारत और उसके किसानों के साथ विश्वासघात होगा.
नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों के बीच शनिवार को अगले दौर की बातचीत होने वाली है
तेज ठंड के बीच केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हजारों किसान शनिवार को लगातार दसवें दिन भी दिल्ली की सीमाओं पर जमे हुए हैं, इन कानूनों को वापस लेने की मांग के साथ किसानों के प्रतिनिधि पांचवे दौर की वार्ता के लिए सरकार से मिलने वाले हैं.
उत्तर प्रदेश और हरियाणा से दिल्ली को जोड़ने वाले रास्तों को पहले ही बाधित कर चुके आंदोलनकारी किसानों ने शुक्रवार को चेतावनी दी थी कि अगर सरकार उनकी मांगें स्वीकार नहीं करती है तो वे दूसरी सड़कों को भी बाधित करेंगे, उन्होंने आठ दिसंबर को भारत बंद का आह्वान भी किया है.