शमशाद रज़ा अंसारी

सरकार ने कांग्रेस नेता प्रियंका गाँधी वाड्रा से दिल्ली में सरकारी बँगले को खाली करने को कहा है। आवास और शहरी मामलो के मंत्रालय की ओर से 1 महीने यानि 1 अगस्त 2020 तक की महौलत दी गई है। प्रियंका वर्षो से लोधी स्टेट के बंगला नंबर 35 में रह रही थी। मंत्रालय की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि यदि प्रियंका गाँधी पहली अगस्त तक इस बंगले को खाली नहीं करती हैं तो उन्हें जुर्माना भी देना होगा। इस मामले को लेकर कांग्रेसियों में रोष व्याप्त है। सोशल साइट्स पर कोंग्रेसियो ने मोदी सरकार  को जमकर कोसा है।

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ग़ाज़ियाबाद से पूर्व लोकसभा प्रत्याशी डॉली शर्मा ने हमलावर रूप में कहा कि मोदी सरकार प्रियंका गाँधी को सरकारी बंगले से निकल सकती है,लेकिन जनता के दिल से नहीं निकाल सकती। डॉली का कहना है कि उत्तर प्रदेश में प्रियंका गाँधी वाड्रा के जनाधार से केंद्र कि मोदी सरकार व उत्तर प्रदेश कि योगी सरकार घबरा गई है। डॉली ने आरोप लगाया कि प्रियंका गाँधी इंदिरा गाँधी की पोती हैं। वह इन ओछी राजनीतिक हरकतो से घबराने वाली नहीं हैं। उनकी रगों में उस गाँधी परिवार का खून दौड़ रहा है,जिसने देश की सेवा में अपने प्राणो की आहुति दे दी लेकिन देश की अखंडता और एकता पर आंच नही आने दी। आज ऐसे स्वतंत्रता सेनानी की बेटी के साथ मोदी सरकार क्या कर रही है? देश की जनता इसे देख रही है। कांग्रेस के एक एक कार्यकर्ता का घर प्रियंका गाँधी का घर है। वह जब चाहे जहाँ चाहे रह सकती हैं। लेकिन इस पूरे प्रकरण में मोदी सरकार ने ओछी राजनीती का परिचय दिया है। प्रियंका गाँधी वाड्रा के एक ट्वीट से पूरी सरकार हिल जाती है। 

उत्तर प्रदेश में प्रियंका गाँधी के जनाधार को देख कर केंद्र एवं प्रदेश सरकार में बौखलाहट साफ दिखाई दे रही  है। जनसेवा करने पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को जेल भेज दिया जाता है। कांग्रेसी कार्यकर्ताओ पर फर्जी मुकदमे दर्ज करवाए जा रहे हैं। लेकिन कांग्रेस का एक एक कार्यकर्ता कभी जनता की आवाज उठाने से पीछे नहीं हटेगा, चाहे उसके लिए एक बार नहीं सौ बार जेल जाना पड़े।

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