शमशाद रज़ा अंसारी
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष राशिद मलिक के विरुद्ध प्रदर्शन करना कार्यकर्ताओं पर भारी पड़ गया। सपा प्रदेशाध्यक्ष ने प्रदर्शनकारियों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। वहीँ धरने में पँहुची महिला कार्यकर्ताओं द्वारा राशिद मलिक के साथ की गयी बदसलूकी पर कार्यवाई होनी अभी बाकी है।सोमवार को सपा जिलाध्यक्ष राशिद मलिक ने कार्यकारिणी कमेटी का गठन किया था। जिसमें पद न मिलने के कारण कुछ कार्यकर्ता नाराज़ थे। उन्होंने शुक्रवार सुबह सपा कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करते हुये जिलाध्यक्ष के विरुद्ध नारे लगाये। जिलाध्यक्ष राशिद मलिक ने पार्टी हाईकमान को अवगत कराया।
जिलाध्यक्ष द्वारा पार्टी में अंतर्कलह उत्प्नन करने वाले कार्यकर्ताओं के विरुद्ध अनुशासनहीनता की कार्यवाई करने की संस्तुति के कुछ घन्टो बाद ही सपा प्रदेशाध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने सौदान गुर्जर तथा ताहिर हुसैन को पार्टी से निष्कासन का पत्र जारी कर दिया। दोनों को अनुशासनहीन आचरण तथा पार्टी की छवि धूमिल करने के कारण साइकिल से उतार दिया गया।उधर सपा कार्यालय में उस समय हंगामा मच गया जब धरना दे रहे बागी कार्यकर्ताओं के समर्थन में सपा की कुछ महिलाओं ने कार्यालय पर पहुंच कर सपा जिलाध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। महिलाओं ने गम्भीर आरोप लगाते हुये कहा कि जिलाध्यक्ष महिलाओं को सम्मान नहीं देता,अभ्रदता करता है। इतना ही नही सपा नेत्री राजदेवी,रश्मी चौधरी ,आशा सचदेवा, मुध चौधरी आदि ने धरने पर बैठे लोगों का समर्थन करते हुए जिलाध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी करनी शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि नौबत हाथापाई तक पहुंच गई, जिसको देखते हुए सपा जिलाध्यक्ष राशिद मलिक कार्यालय छोड़कर वहां से अपनी गाड़ी की तरफ चल दिए। महिलाएं भी काफी दूर तक नारेबाजी करती हुई राशिद मलिक के पीछे पहुंची।
राशिद मलिक गाड़ी में बैठकर चल दिए तो महिलाएं भी कुछ दूर गाड़ी के पीछे गयीं।सुबह केवल कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा धरने में शामिल होने के बाद अचानक सपा नेत्रियों द्वारा इस तरह जिलाध्यक्ष के विरुद्ध खड़ा होना समाजवादी पार्टी की जिला कार्यकारिणी में किसी बड़ी अंतर्कलह की ओर ईशारा कर रहा है। महिला नेत्रियों द्वारा किये गये विरोध पर पार्टी हाईकमान क्या निर्णय लेता है यह तो आने वाला समय ही बतायेगा। लेकिन यह तय है कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बेहद करीबी माने जाने वाले राशिद मलिक के लिए आने वाला समय काफ़ी चुनौतीपूर्ण होने जा रहा है।आपको बता दें कि सपा की ग़ाज़ियाबाद कार्यकारिणी में कोई पद न मिलने के कारण जिलाध्यक्ष राशिद मलिक पर जातिगत भेदभाव, देहात तथा वरिष्ठ सपा नेताओं की अनदेखी और सम्मान न देने का आरोप लगाते हुये कुछ सपाई पार्टी कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गये थे