शमशाद रज़ा अंसारी
कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण शिक्षण संस्थान छात्रों के लिए बन्द हैं। ऐसे में छात्रों को घर बैठे ही आनलाइन माध्यमों से पढ़ाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन अभिभावकों एवं छात्रों द्वारा क्लास की लम्बी टाइमिंग को लेकर लगातार शिक़ायतें मिल रही थीं। अभिभावकों ने बच्चों द्वारा पूरे दिन लेपटॉप/मोबाइल में लगे रहने से होने वेक नुकसानों पर चिंता व्यक्त की थी।
अभिभावकों एवं छात्रों की समस्या को देखते हुये सरकार ने ऑनलाइन क्लास को लेकर गाइडलाइन ज़ारी कर दी है। अब घर बैठे बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई के घंटे अब तय होंगे। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इसे लेकर एक विस्तृत गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत स्कूली बच्चों को हर दिन अधिकतम तीन घंटे ही ऑनलाइन पढ़ाया जा सकेगा। हालांकि क्लास के हिसाब से इसका भी अलग- अलग समय तय किया गया है। जिसमें पहली से आठवीं क्लास के बच्चों को हर दिन एक से डेढ़ घंटे और नौवीं से बारहवीं तक के बच्चों को दो से तीन घंटे ही आनलाइन पढ़ाया जाएगा। इस दौरान कोई भी क्लास या सेशन 45 मिनट से अधिक का नहीं होगा।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अभिभावकों की कड़ी आपत्ति के बाद ‘प्रज्ञाता’ नाम से यह गाइडलाइन जारी की है। जो आठ बिंदुओं पर ( प्लान, रिव्यू, अरेंज, गाइड, याक(टॉक), असाइन, ट्रैक और एप्रीसीएट) पर आधारित है। अभिभावकों की शिकायत थी, कि आनलाइन पढ़ाई को लेकर शुरू हुई मुहिम में स्कूलों की ओर से बच्चों को हर दिन पांच से छह घंटे पढ़ाया जा रहा है। साथ ही उन्हें ऑनलाइन होम वर्क भी दिया जा रहा है। जिसके चलते बच्चे पूरे दिन भर मोबाइल, लैपटाप या कम्प्यूटर पर आंखे गड़ाए रहते हैं। इससे न सिर्फ उनकी आंखों में दिक्कत हो रही है, बल्कि उनमें तनाव भी देखने को मिल रहा है। अभिभावकों की इन शिकायतों के बाद मंत्रालय ने एनसीईआरटी और केंद्रीय विद्यालय संगठन को स्कूली संगठनों और राज्यों के साथ मिलकर ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर एक गाइडलाइन बनाने के निर्देश दिए थे।
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गाइडलाइन जारी करते हुए कहा कि इससे छात्रों को काफी लाभ होगा। खासबात यह है कि करीब 46 पेज की इस गाइडलाइन में छात्रों के साथ स्कूलों के प्रमुखों, शिक्षकों और अभिभावकों के लिए भी कुछ टिप्स दी गई हैं। जिसका उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान ख्याल रखना है। जिससे बच्चों में पढ़ाई को लेकर किसी भी तरह का तनाव पैदा न हो। अभिभावकों से इस दौरान योगा, प्राणायाम जैसी गतिविधियां से जोड़ने के साथ साइबर सुरक्षा को लेकर बच्चों को सतर्क रखने का सुझाव दिया है, वहीं शिक्षकों से बच्चों को पढ़ाई के साथ सृजनात्मक कार्यो से भी जोड़ने पर जोर दिया है।
फिलहाल इस गाइडलाइन से ऐसे सभी स्कूलों पर अंकुश लगेगा, जो छात्रों को दिन-दिन भर मोबाइल और लैपटाप पर ही उलझाए रखते हैं। मंत्रालय ने गाइडलाइन में प्री-प्राइमरी के छात्रों के लिए भी आनलाइन पढ़ाई के घंटे (स्क्रीन टाइम) भी तय किए हैं। इसके तहत इन बच्चों को हर दिन सिर्फ आधे घंटे की ही आनलाइन क्लास होगी।