वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार

“ मैंने रविवार सुबह प्रधानमंत्री मोदी से बात की। मैंने उनसे कहा कि हम इस बात की सराहना करते हैं कि आपने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन की सप्लाई होने दी। अगर वे इसे नहीं भी होने देते तो भी ठीक था लेकिन तब हम उसका बदला लेते। क्यों नहीं लेते ? “ यह राष्ट्रपति ट्रंप के बयान का हिन्दी अनुवाद है जिसे ANI ने ट्वीट किया है। आप देख सकते हैं ट्रंप किस लहजे में पीएम मोदी से बात करते हैं। अगर इस तरह की बातचीत हुई है तो पीएम मोदी को बताना चाहिए कि उन्होंने बदले की बात पर क्या जवाब दिया ? 

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दूसरा पीएम मोदी को यह भी बताना चाहिए कि अमरीका को कोरोना की एक दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन का निर्यात क्यों कर रहे हैं? क्या इससे भारत में कमी आ सकती है? आई टी सेल तत्काल ट्रंप की इस धमकी की निंदा के लिए लाखों मीम बनाए। ट्रंप की सद्बुद्धि के लिए जंतर मंतर पर हवन हो। जिसमें ट्रंप के बयान के 101 वीडियो धूप घी के साथ डाले जाएँ। 

इस ट्रंप का प्रचार करने पीएम मोदी अमरीका गए। ट्रंप को अपने यहाँ बुलाकर रैली करवाई। तब जब कोरोना से लड़ने की तैयारी करनी चाहिए थी। मेरी राय में अहमदाबाद की रैली का बिल भेज देना चाहिए।  क्या ट्रंप हमारे पीएम मोदी को झिड़की दे सकते हैं? अगर वाक़ई ऐसा फ़ोन पर कहा है तो सोचिए पीएम मोदी को कितना बुरा लगा होगा। ग्लोबल लीडर मोदी से लोकल लीडर ट्रंप ऐसे बात करेंगे ? 

सभी विपक्षी दलों  को एकजुट हो कर पीएम मोदी का साथ देना चाहिए और अमरीका तक जवाब पहुँचे इसके लिए थाली बजानी चाहिए। ताकि अमरीका सुन लें कि हम थरिया पीट कर उसके तमाम बेड़े ध्वस्त कर सकते हैं। वैसे रविवार की बातचीत के बाद सोमवार को भारत ने दो दवाओं के निर्यात पर लगे प्रतिबंध से आंशिक छूट दे दी है। टाइम्स आफ इंडिया की खबर है।

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