नई दिल्ली : राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव से जुड़े जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में झारखंड HC में सुनवाई हुई,

जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने झारखंड सरकार और जेल प्रबंधन से एसओपी तलब की, साथ ही कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 जनवरी की तारीख तय की है.

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HC ने लालू यादव को रिम्स से केली बंगला और वहां से वापस रिम्स के पेइंग वार्ड में शिफ्ट किये जाने की पूरी सूचना मांगी है.

इससे पहले मुख्य न्यायाधीश डॉ, रविरंजन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने 4 दिसंबर को इस मामले में दायर तीन जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा था और सुनवाई के लिए 8 जनवरी की तारीख तय की थी.

HC में दायर याचिकाओं में राज्य सरकार पर लालू यादव को विशेष छूट प्रदान करने का आरोप लगाया गया है.

इनमें कहा गया है कि लालू यादव चारा घोटाले में सजायाफ्ता हैं, लेकिन उन्हें रिम्स के वार्ड से हटाकर केली बंगला भेजा गया, जहां उनसे राजद कार्यकर्ता बेरोक-टोक मुलाकात करते रहे.

मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील ने भी अदालत को बताया था कि जेल मैनुअल के उल्लंघन को लेकर लालू प्रसाद के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है, इस पर अदालत ने कहा था कि वह एक अलग मामला है.

हाईकोर्ट ने सरकार से लालू प्रसाद को सेवादार देने पर भी सवाल किया था, साथ ही यह भी पूछा कि अगर किसी मरीज का इलाज जेल के बाहर अस्पताल में हो रहा है तो क्या उसे भी सेवादार दिया जा सकता है? जिसका जवाब सरकार के पास नहीं था.

इसके जवाब देने के लिए राज्य सरकार ने न्यायलय से समय मांगा है, इस दौरान जेल के अधीक्षक ने बताया था कि जेल के बाहर कैदियों कि सुरक्षा की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होती है.

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