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हिमाचल के कृषि मंत्री का आरोप, ‘किसान आंदोलन के बहाने विपक्षी दल का अराजकता फैलाने का प्रयास’

ऊनाः  हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा है कि कृषि आंदोलन की आड़ में कुछ असामाजिक तत्व और विपक्षी दल अराजकता फैलाने का प्रयास कर रहे है। उन्होंने केंद्र द्वारा पारित कृषि विधेयकों के विरोध में हो रहे आंदोलन को लेकर कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों पर राजनीति करने के गंभीर आरोप लगाये हैं। सोमवार को ऊना में मीडिया को संबोधित करते हुए श्री कंवर ने कहा कि आंदोलन की आड़ में विपक्षी दल अराजकता फैलाने का प्रयास कर रहे है। जब केंद्र सरकार आंदोलनकारियों के साथ लगातार वार्ता कर रही है और 9 दिसंबर को फिर वार्ता होनी है ऐसे में भारत बंद का कोई औचित्य नहीं है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने दोनों लोकसभा और राज्यसभा सदनों में बिल को पारित किया लेकिन कुछ विपक्षी पार्टियां जिनका कोई बजूद नहीं है और ना ही जनाधार है वहीं पार्टियां किसान आंदोलन का समर्थन कर रही है जबकि हिमाचल के किसान केंद्र सरकार द्वारा लाये गए कृषि विधेयकों के साथ है।

कृषि मंत्री ने कहा कि कुछ उग्रवादी और असामाजिक तत्व देश का माहौल खराब करने के लिए इस तरह के आंदोलनों को तूल दे रहे हैं। जबकि कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों का रवैया गैर जिम्मेदाराना है। देश का किसान मोदी सरकार के साथ है जबकि विपक्ष अपनी राजनितिक रोटियां सेंकने के लिए विचैलिये का साथ देकर इन विधेयकों का विरोध करवा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने वार्ता के द्वार खुले रखे है। पहले भी दो बार वार्ता कर चुकी है। उन्होंने कहा कि भारत बंद की बात करने का कोई भी औचित्य नहीं है। हिमाचल का किसान केंद्र के इन विधेयकों से खुश है और पूरी तरह से केंद्र सरकार के साथ खड़ा है। उन्होंने आंदोलनकारियों से भी इस आंदोलन को खत्म करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिविल किसान बिल के पक्ष में थे और कोर्ट में लड़ाई भी लड़ी लेकिन विपक्ष में होने के नाते अब मजबूर हैं।

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