नई दिल्ली : कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार तीनों कृषि कानून तत्काल वापस ले और कृषि संबंधी सुधारों पर चर्चा के लिए संसद का सत्र बुलाए.
कांग्रेस ने यह भी कहा कि वह कृषि सुधारों के खिलाफ नहीं है, लेकिन इन तीनों कानूनों में सुधार एवं किसानों का हित नहीं दिखाई देता.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने संवाददाताओं से कहा, ‘समाज के सभी तबकों और संगठनों का समर्थन मिला है जिससे साबित होता है कि यह ‘भारत बंद’ सफल रहा है.’
उन्होंने कहा, ‘अगर किसान आज इस स्थिति में दिल्ली के निकट बैठे हैं तो इसकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी हरियाणा सरकार की है, कोई सरकार किसानों को दिल्ली आने से कैसे रोक सकती है और कैसे ठंड में पानी की बौछार कर सकती है?
हरियाणा सरकार के कई मंत्रियों ने भी किसानों का अपमान किया,’ हुड्डा ने दावा किया कि इन कानूनों के अमल में आने से रोजमर्रा की जरूरत की सब्जियों और अनाज की जमाखोरी बढ़ेगी,
उन्होंने कहा, ‘हम कृषि सुधारों के खिलाफ नहीं है, लेकिन इन कानूनों में किसी सुधार का कोई संकेत नहीं मिलता, इसलिए सरकार को इन्हें वापस लेना चाहिए.
आप तत्काल संसद का सत्र बुलाकर चर्चा करें कि क्या सुधार लाना चाहते हैं, राज्यों से, संबंधित पक्षों से बात करनी चाहिए, अगर वो किसानों के हित में होगा तो हम उसका स्वागत करेंगे.’
हुड्डा ने कहा, ‘कांग्रेस के घोषणापत्र में एपीएमसी का उल्लेख होने को लेकर BJP की ओर से तथ्यों को गलत ढंग से पेश किया जा रहा है, हमने मंडियों के विस्तार की बात की थी और यह किसानों के हित में था.’
उन्होंने यह दावा भी किया कि हरियाणा की BJP-JJP सरकार जनता का समर्थन और विधानसभा के भीतर बहुमत गंवा चुकी है और अब वहां विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए.
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