नई दिल्ली: जानलेवा महामारी कोरोना ने लोगों को कितना निष्ठुर बना दिया है, इस बात के उदाहरण हर दिन सामने आ रहे हैं, मध्य प्रदेश के गुना ज़िले से रविवार को दिल को झकझोर देने वाली ऐसी ही एक तसवीर सामने आयी, पड़ोसी ज़िले राजगढ़ से परिवार समेत लौटे मज़दूर को कोरोना के भय से गाँव में घुसने नहीं दिया गया, चिलचिलाती धूप में गाँव के बाहर बने स्कूल के शौचालय में पूरा परिवार ‘क्वॉरंटीन’ हुआ, शौचालय में ही इन्होंने भोजन पकाया और खाया,
मामला, गुना ज़िले की जामनेर क्षेत्र में आने वाली टोडरा ग्राम पंचायत का है, टोडरा ग्राम पंचायत के देवीपुरा गाँव का मूल निवासी भैयालाल सहारिया पत्नी भूरी बाई और दो बच्चों के साथ पड़ोसी ज़िले राजगढ़ से शनिवार शाम को लौटा था, राजगढ़ के बरेटा गाँव में वह मज़दूरी के लिए गया हुआ था, लाॅकडाउन की वजह से वहाँ फँसा रहा, लाॅकडाउन-2 के ख़त्म होने की तारीख़ पास आने के बीच सख़्ती कम होने पर अपने गाँव लौटते ही भैयालाल ने टोडरा पंचायत के सचिव और रोज़गार सहायक को सूचना दी, सूचना के बाद पूरे परिवार की स्क्रीनिंग कराई गई, स्क्रीनिंग के बाद भैयालाल अपने गाँव देवीपुरा पहुँचा तो ग्रामीणों ने उसे गाँव में घुसने नहीं दिया,
शुरुआती जाँच में पूरे परिवार को कोरोना संक्रमण से जुड़े किसी तरह के लक्षण नहीं थे, काफ़ी समझाने के बाद गाँव के लोग टस के मस नहीं हुए, एक सुर में दोहराते रहे, भैयालाल और उसके परिवार के किसी भी सदस्य को बाद में कोरोना निकल आया तो पूरा गाँव चक्कर में आ जाएगा, भैयालाल और उसके परिवार ने गाँव की सीमा पर बने सरकारी प्राथमिक स्कूल के परिसर में जैसे-तैसे रात काटी, रविवार सुबह भी ग्रामीण अड़े रहे, परिवार को गाँव में प्रवेश देने के लिए राज़ी नहीं हुए, लाॅकडाउन की वजह से स्कूल के कमरों में ताले डले हुए थे, धूप चढ़ी और लू चली तो इससे बचने के लिए मजबूरीवश भैयालाल और उसके परिवार ने स्कूल परिसर में बने शौचालय में शरण ले ली,
जैसे-तैसे खाने का समान जुटाया, भैयालाल की पत्नी भूरी बाई ने शौचालय के एक कोने को साफ़ कर खाना पकाया, बाद में पूरे परिवार ने शौचालय में ही बैठकर खाना खाया, मानवीयता को तार-तार करने वाली भैयालाल और उसके परिवार से जुड़ी त्रासदी की यह ख़बर मीडिया की सुर्खियाँ बनीं तो हंगामा मच गया, ज़िला प्रशासन के अफ़सर आनन-फानन में सक्रिय हुए, अफ़सरों ने माना कि कोरोना संबंधी स्क्रीनिंग में जब पूरा परिवार सामान्य निकला था तो उन्हें गाँव के भीतर जाने से रोका जाना किसी भी सूरत में उचित नहीं था, भैयालाल परिवार को प्रोटोकाॅल के तहत अपने घर में ही क्वॉरंटीन के लिए जाने दिया जाना चाहिए था, पूरे मामले की जाँच के बाद अफ़सरों ने दोषियों के ख़िलाफ़ एक्शन की बात भी कही,
उधर पूरा मामला सामने आते ही राजनीति शुरू हो गई है, मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने तो बाक़ायदा एक ट्वीट कर शिवराज सिंह सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया, मध्य प्रदेश कांग्रेस के ट्वीट में कहा गया, ‘शिव ‘राज’ में मर गई इंसानियत, शौचालय में भोजन कर रहे हैं पीड़ित…. शिवराज जी बिलकुल लज्जा नहीं आती…? ‘भगवान से थोड़ा-थोड़ा तो डरो,
गुना, भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की ‘कर्मभूमि’ है, जबकि राजगढ़ – पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का बरसों-बरस राजनीतिक रण रहा है, दिग्विजय सिंह गुना ज़िले की राघौगढ़ राजघराने के पुराने चश्मो-चिराग भी हैं, सिंधिया गुना-शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व बरसों से कर रहे थे, वह कांग्रेस के लिए इस सीट को जीता करते थे, वह 2019 का लोकसभा चुनाव हार गये थे, अनबन होने पर हाल ही में कांग्रेस छोड़कर सिंधिया भाजपा में चले गये हैं
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