Header advertisement

युवाओं के बजाय बुज़ुर्गों पर जताया अखिलेश ने भरोसा, आशू को किनारे कर इन्हें बनाया MLC उम्मीदवार

लखनऊः उत्तर प्रदेश विधान परिषद के चुनाव के लिये 11 जनवरी से नामांकन प्रक्रिया शुरु हो गई है। ऐसे में समाजवादी पार्टी ने अपने दो प्रत्याशी उतारे हैं। सपा ने पूर्व कैबिनेट मंत्री अहमद हसन और पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी को एमएलसी बनाया है। बता दें कि उत्तर प्रदेश विधान परिषद में 12 सीटें रिक्त हुई हैं। माना जा रहा है कि सत्तारूढ़ भाजपा 12 में से 11 सीटें आसानी से जीत जाएगी क्योंकि उसके पास 325 विधायक हैं। जबकि एक सीट सपा के खाते में जाएगी, लेकिन सपा ने दो सीटों पर उम्मीदवार उतार दिये हैं।

क्या है समीकरण?

उत्तर प्रदेश विधानपरिषद चुनाव 44 विधायकों वाली समाजवादी पार्टी ने एमएलसी के लिये दो उम्मीदवार खड़े करके चौंका दिया है। सपा के पास 44 विधायक हैं माना जा रहा है कि सपा को पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का समर्थन मिल जाएगा, इस पार्टी के पास चार विधायक हैं। जबकि बसपा से निष्कासित किये गए छ विधायक भी सपा के संपर्क में हैं। लेकिन इसके बावजूद भी विधानपरिषद की दो सीटों का चुनाव जीतने के लिये सपा को 66 विधायकों का वोट चाहिए जबकि सपा को अगर बसपा के छ और ओमप्रकाश राजभर की पार्टी के चार विधायकों वोट भी मिल जाए तब भी सपा पर्याप्त वोट नहीं जुटा पा रही है। हां अगर उसे बसपा पूरी तरह समर्थन कर देती है तब सपा विधानपरिषद की दोनों सीटें आसानी से जीत जाएगी।

आशू की उम्मीदों पर फिरा पानी

सपा की तरफ से कयास लगाए जा रहे थे कि विधानपरिषद के चुनाव में सपा द्वारा आशू मलिक को एक बार फिर से एमएलसी बनाया जाएगा, लेकिन 13 जनवरी को आई सपा उम्मीदवारों की सूची ने आशू की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। आशू सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के बेहद क़रीबी हैं। मुलायम सिंह ने ही उन्हें 2016 में एमएलसी बनाया था।

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *