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महबूबा मुफ्ती/फारुख अब्दुल्ला के बाप का नही,भारत का अभिन्न अंग है कश्मीर : इरफान अहमद

शमशाद रज़ा अंसारी

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अल्पसंख्यक मोर्चा भाजपा इरफान अहमद ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी का सपना पूर्ण कर, एक-राष्ट्र, एक-निशान, एक विधान कर देश को एक नई पहचान देने का कार्य किया है। इरफान अहमद ने जम्मू & कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती सईद के दिए गए भारत के तिरंगा झंडा विरोधी बयान का कड़ा विरोध किया है। इरफान अहमद ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर में धारा 370 को वापिस बहाल करवाने लिये राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को ना पकड़ने पर राष्ट्रविरोधी बयान देकर देश विरोधी काम किया है। इसीलिए अल्पसंख्यक मोर्चा भारत सरकार से मांग करता है कि महबूबा मुफ़्ती के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर तुरन्त गिरफ्तार करें। इरफान अहमद ने कहा है कि कश्मीर महबूबा मुफ्ती व फारूक अब्दुल्ला के बाप का नहीं है और पीओके सहित कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।

इस के दिए अल्पसंख्यक मोर्चा कश्मीरी नौजवानों को एक मंच पर लाकर ऐसे देशद्रोही नेताओं के खिलाफ मुहिम चलायेगा। कश्मीर में सत्ता हथियाने के लिये जो राजनैतिक दल गठजोड़ करके कश्मीर में अमन शांति नहीं बनने देना चाहते हैं, उनको भी बेनकाब करेगा। काफी समय से अल्पसंख्यक मोर्चा कश्मीरी नौजवानों को मुख्यधारा से जुड़ने  के लिये काम कर रहा है। जिस प्रकार कश्मीर से धारा 370 एवं 35a हटाने के लिए जन जागरण अभियान चलाया था, उसी तर्ज पर पीओके को वापिस लेने और आतंकवाद को खत्म करने के लिये छात्र एवं नौजवानों की पीस कमेटी बनाकर जन जागरण अभियान चलायेंगे। इरफान अहमद ने बताया कि अब जम्मू-कश्मीर के अलगाववादियों एवं हुर्रियत के लोग और पीडीपी/नेशनल कॉन्फ्रेंस का घिनौना चेहरा बेनकाब हो गया है। यह लोग हमेशा से 370 एवं 35A की आड़ में पाकिस्तान एवं आतंकवादियों की मदद करते आए हैं और देश विरोधी गतिविधियों चलाने में सदैव सक्रिय रहे हैं। नौजवानों की जिंदगी इनके कारण बर्बाद हो रही हैं, उसे अब मिलकर रोकना होगा और उजड़े हुए कश्मीरी पंडितों को वापिस घाटी में बसाना होगा। इस मुहिम में पूरा हिंदुस्तान कश्मीर के साथ खड़ा है। इसलिये अल्पसंख्यक मोर्चा अवाम से अपील करता है कि खुशहाल कश्मीर और अखण्ड व आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए आगे आये, ताकि जम्मू & कश्मीर में फिर से अमन चैन स्थापित हो सके।

“”तिरंगे का अपमान-कभी नहीं सहेगा हिंदुस्तान””

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