नई दिल्ली : आरएसएस ने कहा कि राष्ट्र विरोधी और असामाजिक ताकतें कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन का समाधान निकालने के प्रयासों को विफल करने का प्रयास कर रही हैं, उसने कहा कि किसी भी प्रदर्शन का बहुत लंबे समय तक जारी रहना किसी के भी हित में नहीं है.
आरएसएस ने कहा कि चर्चा आवश्यक है और कुछ सहमतियों पर पहुंचना भी जरूरी है, भले ही सारे मुद्दों का समाधान न निकले, गौरतलब है कि आरएसएस की एबीपीएस की दो दिवसीय बैठक शुक्रवार से आरंभ हुई.
उल्लेखनीय है कि सौ से भी अधिक दिनों से किसान केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं और इन कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं.
आरएसएस ने रिपोर्ट-2021 में कहा किसी भी तरह का आंदोलन लंबे समय तक चले यह किसी के हित में नहीं है, चर्चा आवश्यक है लेकिन यह समाधान निकालने के विचार के साथ होनी चाहिए, संभव है कि सभी मुद्दों पर सहमति न बन पाए लेकिन किसी न किसी सहमति पर पहुंचना भी आवश्यक है.
उसने कहा कि यह भी चिंता का विषय है कि आंदोलनों के कारण दैनिक जीवन अब भी प्रभावित हो रहा है और ‘समस्या और गंभीर हो जाती है जब राष्ट्र विरोधी और असामाजिक ताकतें समाधान निकालने के प्रयासों को विफल करने के प्रयास करती हैं, उसने आगाह किया कि वर्तमान आंदोलन के नेतृत्व को ऐसे हालत नहीं बनने देना चाहिए.
आरएसएस ने कहा हमें ऐसा महसूस हो रहा है कि कुछ समय से ऐसी राष्ट्र विरोधी ताकतें देश में गड़बड़ी और अस्थिरता का माहौल बनाने की कोशिश कर रही है ताकि वे अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षाओं को पा सकें.
आरएसएस ने कहा कि हमारा मानना है कि ऐसी कोई समस्या नहीं होती जिसका समाधान न हो, जरूरत है तो बस गंभीर प्रयासों की.
उसने कहा कि लोकतंत्र में सभी को अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की आजादी है लकिन किसी को भी देश में गड़बड़ी फैलाने और अस्थिरता पैदा करने का अधिकार नहीं दिया जा सकता है, संघ ने कहा कि यह आंदोलन समय के साथ तेज हुआ है.
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