नई दिल्ली : कृषि बिल के विरोध में पिछले कई दिनों से आन्दोलन कर रहे किसान कल भारत बंद के जरिए अपनी ताकत दिखाएंगे, 8 दिसम्बर को प्रस्तावित भारत बंद को लेकर किसान संगठनों द्वारा जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं.

प्रदेश में भी इस बंद को सफल बनाने की पुरजोर कोशिशें की जा रही हैं, खास बात यह है कि किसानों के इस आन्दोलन को तमाम विपक्षी दलों का साथ मिल रहा है.

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कांग्रेस ने भारत बंद को अपना समर्थन दिया है और इसे सफल बनाने के लिए अपने कार्यकर्ताओं से आह्वान भी किया है, वहीं वामदल पहले से ही कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं और किसान आन्दोलन को समर्थन भी कर रहे हैं.

आप ने भी कल के भारत बंद में सक्रिय रूप से अपनी भागीदारी निभाने का ऐलान किया है, पार्टी के कार्यकर्ता एक-एक दुकान पर जाकर किसानों के समर्थन में व्यापारियों से अपने प्रतिष्ठान बंद रखने की अपील करेंगे.

प्रदेश में ज्यादा वजूद नहीं रखने वाली शिवसेना भी किसानों के साथ है, तो वहीं NDA में शामिल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी भी पिछले कई दिनों से अपनी आंखें तरेर रही है, हनुमान बेनीवाल ने भारत बंद को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है.

प्रदेश के ज्यादातर किसान संगठन इस बंद को सफल बनाने में जुटे हैं, हालांकि RSS से ताल्लुक रखने वाले भारतीय किसान संघ ने कृषि बिल के प्रति अपना विरोध जताने के बावजूद बंद से अलग रहने का ऐलान किया है.

वहीं कई जनसंगठन भी किसान आन्दोलन और भारत बंद को अपना समर्थन दे रहे हैं, लोकतांत्रिक मोर्चा और जनसंगठनों की साझा बैठक में बंद को सफल बनाने की रणनीति तय की गई है, जयपुर में कार्यकर्ता कल सुबह 10 बजे शहीद स्मारक पर एकत्रित होकर बाजारों को बंद करवाने के लिए निकलेंगे.

रामपाल जाट ने इसे आजादी की दूसरी लड़ाई बताते हुए सभी किसानों से सहयोग की अपील की है, वहीं अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमराराम ने व्यापार संगठनों से बंद में साथ देने की अपील की है.

साथ ही आम लोगों से भी घरों से बाहर नहीं निकलकर भारत बंद को सफल बनाने का आह्वान किया है, आवश्यक सेवाओं को बंद से मुक्त रखा गया है.

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