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किसान आंदोलन : मोदी सरकार के साथ बातचीत से पहले किसानों ने टाला ट्रैक्टर मार्च

नई दिल्ली : तीनों नए कृषि बिलों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने सरकार के साथ होने वाली बातचीत के मद्देनजर अपना प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च बृहस्पतिवार तक स्थगित कर दिया है,

किसान संगठनों ने सरकार के साथ अगले दौर की बातचीत के लिए सहमति जताई, हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के तौर-तरीके पर चर्चा करने को बातचीत के एजेंडे में शामिल किया जाना चाहिए.

40 किसान संगठनों के समूह ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने घोषणा की थी कि 30 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर से केएमपी राजमार्ग तक ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा.

‘सरकार के साथ बातचीत को देखते हुए हमने ट्रैक्टर मार्च टालने का फैसला किया है, अब किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ ये मार्च 31 दिसंबर को निकालेंगे.

उन्होंने कहा कि किसान नेता सरकार के साथ बातचीत करेंगे, ऐसे में किसान संगठनों ने यह मार्च स्थगित करने का फैसला किया, पंजाब, हरियाणा और देश के कुछ अन्य हिस्सों से आए हजारों किसान दिल्ली के निकट सिंघु बॉर्डर.

टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर पिछले 31 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं, उनकी मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए और एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जाए.

इस साल सितंबर में अमल में आए तीनों कानूनों को सरकार ने कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश किया है, उसका कहना है कि इन कानूनों के आने से बिचौलिए की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकेंगे.

प्रदर्शनकारी किसान संगठनों का कहना है कि इन कानूनों से एमएसपी का सुरक्षा कवच खत्म होने का रास्ता खुलेगा और मंडियां भी खत्म हो जाएंगी तथा खेती बड़े कारपोरेट समूहों के हाथ में चली जाएगी.

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