नई दिल्ली/ऱांची: कोरोना काल में राज्य सरकारों की भी अग्निपरीक्षा हो रही है, जाहिर है कि जंग में जीत हो या शिकस्त… सेहरा हो या ठीकरा… जो भी मिले वो हिस्से में आता है सेनापति के, यही बात इन बिहार और झारखंड के मुख्यमंत्रियों के साथ भी लागू हो रही है  झारखंड के सीएम हेमंत मजदूर दिवस के दिन मजदूरों की पॉलिटिक्स में बिहार से आगे निकल गए हैं, तेलंगाना से चली ट्रेन में सिर्फ मजदूर ही नहीं आ रहे बल्कि उसी रेल में हेमंत सोरेन की वाहवाही भी सवार होकर आ रही है, कोरोना काल में दूसरे राज्य में फंसे मजदूरों को लेकर सोशल मीडिया हेमंत सोरेन के लिए तारीफ की गंगा बह रही है,


विष्णु राजगढ़िया ने पोस्ट किया है कि ‘हेमंत सोरेन ने ने बाहर फंसे लोगों वापस लाने के लिए PM को पत्र लिखा, तो मजाक उड़ाया गया, लेकिन अंततः ऐसा हुआ, फिर झारखंड ने ट्रेन मांगी, इसका भी मजाक उड़ा, अब ट्रेन भी मिली, झारखंड को हल्के में मत लेना मितरो, चेहरे से जितने भोले नरम दिखते हैं, अंदर उतना ही दृढ़, #MayDay का गिफ्ट!’ हेमंत की तारीफ से भरा एक और ट्वीट ये भी है, आनंद दत्ता ने पोस्ट किया है कि ‘पूरे देश भर में सिर्फ एक ट्रेन को चालू किया गया है तेलंगाना से झारखण्ड हटिया राँची के लिए एक ट्रेन चली है जिसमें 12 सौ लगभग मजदूर है,देर रात हटिया पहुंचेगी,’

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जाहिर है कि इन ट्वीट्स के जरिए हेमंत सोरेन ने महफिल लूट ली है, हेमंत ने इसी बीच एक बयान दिया है कि ‘भारत सरकार ने देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे मजदूरों को आने की अनुमति दे दी है, अब आपको घर तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है, आपसे आग्रह है कि धैर्य रखें आपकी सरकार जल्द आप तक पहुंचेगी, स्वस्थ रहें, उन्होंने मजदूर दिवस पर सभी श्रमिकों के साथ झारखंडवासियों को जोहार कहते हुए कहा कि मुझे मालूम है कि लॉकडाउन में आपको कष्ट झेलने पड़े हैं, हम आपकी शीघ्र सकुशल वापसी और बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं, यहां बता दें कि मजदूरों को लाने के लिए तेलंगाना से झारखंड विशेष ट्रेन रवाना हुई है,’

तो क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मई दिवस पर मजदूर पॉलिटिक्स में हेमंत सोरेन से पिछड़ गए हैं? बिहार सरकार प्लानिंग ही करती रही जबकि झारखंड ने अपने मजदूरों के लिए ट्रेन चलवा भी ली, ऐसे में विपक्ष हेमंत सोरेन का उदाहरण देकर नीतीश पर लगातार हमला बोल रहा है, पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने हेमंत सोरेन का उदाहरण देते हुए एक ट्वीट किया है और लिखा है कि ‘आदरणीय नीतीश कुमार जी,झारखंड के मजदूर तेलंगाना से विशेष ट्रेन से झारखंड लाए जा रहे है, क्या आप BJP के पिछलग्गू ही बने रहेंगे या अपनी अंतरात्मा,ताकत व अनुभव का भी कुछ फायदा उठाएंगे?जब झारखंड को ट्रेन मिल सकती है तो डबल इंजन बिहार सरकार को क्यों नहीं?आप इस सवाल से भाग नहीं सकते?’

एक और ट्वीट में तेजस्वी ने कहा, ‘बिहार सरकार संबंधित राज्यों सरकारों से वार्ता कर उनके राज्य परिवहन की बसों का प्रयोग क्यों नहीं करती? 55 घोटालों की रिकॉर्डधारी बिहार सरकार अगर उन्हें किराया देने में अक्षम है तो राजद उन सरकारों को भाड़ा देगी, हरियाणा,MP,कर्नाटक और गुजरात में इनकी सरकारें है, फिर क्या दिक्कत है?’ हटिया के लिए चली ट्रेन में झारखंड के करीब 1200 प्रवासी मजदूर सवार हैं जो लॉकडाउन में फंसे हुए थे, रेलवे ने लॉकडाउन शुरू होने के बाद से पहली बार शुक्रवार को किसी पैसेंजर ट्रेन को चलाया, यह स्पेशल ट्रेन तेलंगाना के लिंगमपल्ली में फंसे 1,200 प्रवासियों को झारखंड के हटिया तक ले जाने के लिए रवाना की गई, जो रात करीब 11 बजे हटिया पहुंचेगी, ध्यान दें, यह स्पेशल ट्रेन है, अभी सिर्फ यही एक ट्रेन चलाई गई है, बाकी जगहों पर ट्रेनें नहीं चल रही हैं, रेलवे पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि बिना केंद्र सरकार के निर्देश के ट्रेनों को चलाने का सवाल ही नहीं है,

आरपीएफ के डीजी अरुण कुमार ने बताया, ’24 बोगियों वाली यह ट्रेन शुक्रवार सुबह 4 बजकर 50 मिनट पर रवाना हुई,’ उन्होंने बताया कि यह प्रवासियों के लिए अब तक चलने वाली पहली ट्रेन है, संयोग से शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस भी है,

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