Header advertisement

लोकडाउन: दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के स्टाफ़ और इमामों को नहीं मिला है कई माह का वेतन, कई परिवार दो वक़्त की रोटी….

नई दिल्ली: कोरोना वायरस की वजह से देश में सम्पूर्ण तालाबंदी के चलते जहाँ गरीब और मजदूर वर्ग को खाने के लाले पड़े हैं और सरकारें उनके लिए दो वक़्त की रोटी की वेवस्था में लगी हुई हैं वहीं दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के स्टाफ़ को पिछले कई माह से वेतन ओर इमाम व मोज़्ज़िनों व विधवाओं को  वज़ीफ़ा नहीं मिल पाया है जिसके कारण 170 से ज़्यादा बोर्ड स्टाफ़ व 3 हज़ार के करीब इमाम व मोअज़्ज़िनों को अपना परिवार चलाने में दिक़्क़तों का सामना है।

दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के अन्तर्ग आने वाली तकरीबन 300 मस्जिदों के इमाम व मोअज़्ज़िनों का घर बोर्ड से मिलने वाले माहाना वज़ीफ़े पर चलता है जबकि 600 के करीब विधवाओं को भी बोर्ड कार्यालय से माहाना 2500 रुपए दिए जाते हैं जो फ़िलहाल पिछले 4 माह से रुके हुवे हैं। इसके आलावा पिछले दिनों मई में दिल्ली की गैर वक़्फ़ मस्जिदों के इमाम व मोअज़्ज़िनों को भी बोर्ड ने वज़ीफ़ा देने की शुरुआत की थी जिनकी कुल संख्या 1100 के लगभग है।

सूत्र अनुसार गेर वक़्फ मस्जिदों के इमाम ओर मोअज़्ज़िनों का वज़ीफ़ा भी पिछले कई माह से रुका हुआ है जिसका कारण दिल्ली सरकार से बोर्ड को मिलने वाली ग्रांट को समय पर जारी ना होना बताया जारहा है। तफ़सील के अनुसार 2019-20 वित्तीय वर्ष में बोर्ड कार्यालय को मात्र एक तिमाहि की ही किस्त प्राप्त हुई है और नोकर शाही दुवारा लगाई जार ही अड़चनों के चलते बाकी की तीन किस्तें दिल्ली सरकार से मिलना बाक़ी है यही सब कारण हैं जिनकी वजह से लगभग 2800 इमामों ओर मोअज़्ज़िनों का पिछले कई माह से वज़ीफ़ा रुका हुआ है और अब लोकडाउन के चलते जैसे तैसे घर चलाने वाले इमामों ओर मोज़्ज़िनों पर दोहरी मार पड़ रही है। वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन पद से अमानंतुल्लाह खान को अचानक हटाए जाने के बाद से ये समस्या ओर गहरे संकट में बदल गई है।

नियम अनुसार बोर्ड का चेयरमैन,सी ई ओ और बोर्ड सदस्यों में से कोई एक वित्तीय कार्यों के लिए सिग्नेचर ऑथोरिटी  होता है और कोई भी दो लोग मिलकर साइन कर सकते हैं मगर चेयरमैन पद से अमानतुल्लाह खान को दिल्ली सरकार दुवारा हटाये जाने के बाद ये अधिकार अब मात्र बोर्ड सदसस्य और सी ई ओ के पास रह गया है फिर भी अभी तक बोर्ड के स्टाफ़ व इमामों को उनका वेतन न मिल पाने का कारण समझ से परे है।हिन्द न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक वक़्फ़ बोर्ड कार्यालय दुवारा वेतन की फ़ाइल तय्यार करके आगे बढ़ा दी गई है और अब सी ई ओ के यहां से देरी होरही है।इस संबन्ध में वक़्फ़ बोर्ड के सदस्य एडोकेट हिमाल अख़्तर ने सी ई ओ को एक पत्र लिखकर स्टाफ़ के वेतन व इमामों के वज़ीफ़े को जल्द जारी करने का निवेदन किया है और   मुख्यमंत्री कार्यालय से भी संपर्क किया है

जहां से उन्हें मसले को जल्द हल करने का आश्वासन दिया गया है ।वेतन न मिलने के कारण बोर्ड स्टाफ़ व इमाम काफी परेशान हैं ओर उनके घरों में चूल्हा जलना भी मुश्किल हो गया है।सूत्रों की मानें तो ये सवाल भी अब लोगों की ज़बान पर है कि एक ऐसे समय में जब अमानंतुल्लाह खान की अध्यक्षता में बोर्ड अच्छा कार्य कर रहा था तो उन्हें अचानक कियूं हटा दिया गया और अब तक नए चेयरमैन की नियुक्ति के लिए कोई पहल कियूं नहीं की गई या जब तक बोर्ड को नया चेयरमैन नहीं मिल जाता तब तक के लिए कार्यवाहक चेयरमैन की वेवस्था न करके बोर्ड को अपाहिज कियूं बना दिया गया जबकि सरकार की ओर से कहा गया था कि जल्द ही इस मामले को हल कर लिया जायेगा मगर सरकार की ओर से अब तक किसी पहल या सूचना न दिए जाने की वजह से मुस्लिम समुदाय में बेचैनी है और लोग दबी जुबान में दिल्ली सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा कर रहे हैं।वजह चाहे जो भी रही हो मगर इसका खमयाज़ा वक़्फ बोर्ड का स्टाफ़ ओर दिल्ली के लगभग 2800 इमाम ओर मोज़्ज़िनों को भुगतना पड़ रहा है जिन्हें कई महीनों से उनका वेतन नहीं मिला है

एक ऐसे समय में जब सरकार किसी को भी लोकडाउन की वजह से भूखा न सोने देने का दावा कर रही है वक़्फ़ बोर्ड के स्टाफ़ ओर इमामों के घरों में फाक़ों की नोबत आपहुँची है,ये सवाल बहुत अहम है कि ज़िम्मेदार कोन है, चेयरमैन को हटाए जाने के बाद अन्य एक बोर्ड सदसस्य के साथ खुद CEO साइन ऑथोरिटी हैं ऐसे में अगर दोनों जगहों से फ़ाइल पर साइन होजाते हैं तो बोर्ड स्टाफ़ का वेतन और इमामों व विधवाओं का वज़ीफ़ा जारी होने की दिक़्क़त दूर होने की संभवना है।

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *