नई दिल्ली : म्यांमार में जारी सियासी संकट के चलते वहां के नागरिक एक बार फिर भारत में घुसने की कोशिश कर रहे हैं, इस वजह से मणिपुर सरकार ने सीमा से लगे पांच जिलों को निर्देश दिया है कि वो म्यांमार के लोगों को भारत में ना घुसने दें.
मणिपुर सरकार ने कहा कि शरणार्थियों के लिए राहत शिविर नही लगाए जाएं और ना ही उनके खाने पीने का इंतजाम किया जाए, फिर भी अगर वो शरण मांगने आते हैं तो उन्हें हाथ जोड़कर वापस भेज दिया जाए.
एच ज्ञान प्रकाश ने कहा कि म्यांमार में हो रही घटनाओं के चलते वहां के नागरिक सीमावर्ती राज्यों के माध्यम से भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं इसलिए सीमा पर सख्त पहरा दिया जाए.
मणिपुर सरकार ने म्यांमार की सीमा से लगे पांच जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को भारतीय सीमा में प्रवेश करने से रोकने का निर्देश दिया है, निर्देश में कहा गया है कि गंभीर चोटों के मामले में मानवीय विचारों को ध्यान में रखते हुए सिर्फ चिकित्सा दी जा सकती है.
एच ज्ञान प्रकाश ने कहा कि आधार नामांकन को तत्काल रोका जाना चाहिए, साथ ही मणिपुर गृह विभाग ने मंगलवार तक संबंधित जिला प्रशासन से कार्रवाई पर रिपोर्ट भी मांगी है.
अधिकारियों के मुताबिक शुक्रवार को महिलाओं और बच्चों समेत कुछ म्यांमारियों ने मोरेह तमू सीमा के जरिए मणिपुर में प्रवेश करने की कोशिश की थी, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी.
मणिपुर मीडिया ने बताया कि पिछले हफ्ते म्यांमार में गोली लगने से घायल तीन म्यांमार नागरिकों को मणिपुर में प्रवेश करने की अनुमति दी गई थी और उन्हें इंफाल के जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया था, उनमें से दो की हालत गंभीर है.
सीएम ज़ोरमथांगा ने सीएम मोदी से उन शरणार्थियों को शरण, भोजन और आश्रय देने करने का आग्रह किया है, जो पिछले महीने म्यांमार में सैन्य शक्ति हासिल करने के बाद से प्रदेश में पहुंचे हैं, सीएम ज़ोरमथांगा ने पीएम मोदी को 18 मार्च को पत्र लिख कर उनके हस्तक्षेप करने की मांग की है.