नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार तेजी आई है और सोमवार को दिल्ली से सामने आए केस ने हड़कंप मचा दिया है, राजधानी में निजामुद्दीन इलाके में स्थित तबलीगी जमात के मरकज में सैकड़ों लोगों को इकट्ठे होने और कुछ के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं, इस बीच एक खत सामने आया है, जो कि मरकज के द्वारा दिल्ली पुलिस को लिखा गया था, इसमें मरकज ने कुछ गाड़ियों के लिए पास मांगा था, ताकि लॉकडाउन और पाबंदियों के बीच लोगों को वहां से निकाला जा सके,
लगातार उठ रहे सवालों के बीच मरकज़ ने अपने बचाव में दलील दी है कि जिसदिन लॉक डाउन का निर्देश हुआ तब जो लोग मरकज में बच गए थे, उन्हें निकालने के लिए वाहनों का इंतजाम किया गया था, इन वाहनों की लिस्ट दिल्ली पुलिस को दी गई थी, ताकि वाहन पास मिल पाएं, मरकज की ओर से 25 मार्च को पुलिस-प्रशासन को चिट्ठी लिखी गई थी, लेकिन कोई जवाब नहीं आया, इस दावे को सच मानें तो 23 मार्च को जब 21 दिनों का लॉकडाउन शुरू हुआ तो प्रशासन को इस बात की जानकारी थी कि इस मरकज में सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद हो सकते हैं, इसके बावजूद इन्हें निकालने का प्रबंध ना हो पाना कई तरह के सवाल खड़े करता है, बता दें कि लॉकडाउन के बीच जरूरतमंदों और जरूरी सामान वालों के लिए दिल्ली सरकार की ओर से विशेष पास मुहैया कराए जा रहे थे, ताकि लोग लॉकडाउन के बावजूद सफर कर सकें,
तबलीगी जमात के मरकज की ओर से दिल्ली पुलिस को लिखी चिट्ठी में बताया गया है कि 23 मार्च को 1500 लोगों को मरकज से रवाना किया गया था, हालांकि, ये स्पष्ट नहीं है कि इनमें कितने लोग कोरोना पीड़ित थे या फिर संदिग्ध थे, जानकारी मिलने के बाद प्रशासन की ओर से अब इन सभी लोगों को ट्रैक करने की कोशिश की जा रही है, ताकि सभी को क्वारनटीन किया जा सके, हालांकि, जबतक ये सभी पंद्रह सौ लोगों की तलाश पूरी नहीं होती है, तबतक कोरोना का संकट बड़ा होता दिख रहा है,
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के मुताबिक, इस मरकज में 1500 से 1700 के करीब लोग मौजूद थे, इनमें से अबतक 24 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जबकि करीब 300 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, सरकार की ओर से 700 से अधिक लोगों को क्वारनटीन किया गया है, ताकि कोरोना वायरस के फैलने को खतरे को कम किया जा सके, सत्येंद्र जैन ने माना है कि लॉकडाउन और पाबंदियों के बावजूद इतने लोगों का एक जगह इकट्ठा होना एक अपराध है, जिसपर कार्रवाई जरूर की जाएगी, दूसरी ओर केंद्र सरकार ने इस मरकज में शामिल हुए करीब 800 इंडोनेशियाई नागरिकों के वीज़ा रद्द करने और ब्लैकलिस्ट करने की तैयारी की जा रही है,
गौरतलब है कि इसी मरकज से वापस तेलंगाना लौटे 6 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि कश्मीर में भी एक व्यक्ति की मौत हो गई है, इनके अलावा यहां से लौटकर अंडमान-निकोबार पहुंचे 10 लोग अबतक कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं