नई दिल्ली : पिछले कई महीनों से अपने वेतन के लिए संघर्ष कर रहे भाजपा शासित नगर निगम के कर्मचारियों ने आज सिविक सेंटर पर धरना प्रदर्शन किया।
कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन के माध्यम से नगर निगम में स्थापित भाजपा और निगम के बड़े अधिकारियों से अपने रुके हुए वेतन को जल्द से जल्द देने की मांग की।
निगम के अधीन आने वाले तमाम विभागों के कर्मचारी जैसे एमसीडी स्कूल के अध्यापक, एमसीडी अस्पतालों के डॉक्टर एवं नर्स, एमसीडी के पार्कों में काम करने वाले माली, सफाई कर्मचारी तथा अन्य तमाम विभागों के कर्मचारी पिछले लंबे समय से अपना वेतन समय पर ना मिले की प्रताड़ना को झेल रहे हैं।
पिछले कुछ महीनों में अलग-अलग विभागों के कर्मचारियों ने अलग-अलग समय पर अपने वेतन के लिए मजबूरी वश, भाजपा शासित नगर निगम के खिलाफ धरना प्रदर्शन, रैलियां, आंदोलन यहां तक के भूख हड़ताल का भी सहारा लिया।
उसी श्रंखला में आज नगर निगम के कर्मचारियों ने एक बार फिर सिविक सेंटर पर अपने हक का पैसा अपने वेतन की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया।
आम आदमी पार्टी का मानना है कि पिछले 15 सालों में नगर निगम के अपने शासनकाल में भाजपा ने इस कदर लूट मचाई है कि आज नगर निगम पूरी तरह से कंगाल हो चुका है।
भाजपा ने भ्रष्टाचार के पुराने तमाम रिकॉर्ड तोड़ दिए फिर चाहे वह उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा किया गया 2500 करोड़ रुपए का घोटाला हो, चाहे कूड़े के पहाड़ों के निस्तारण के लिए किराए पर ली गई मशीनों में किया गया 180 करोड रुपए का घोटाला हो, चाहे हाउस टैक्स के पैसों में किया गया घोटाला हो।
भाजपा के नेताओं ने अपनी जिम्मेदारियों को दरकिनार करके केवल और केवल भ्रष्टाचार के माध्यम से पैसा कमाने का काम किया है। जिस दिन से भारतीय जनता पार्टी ने नगर निगम की सत्ता संभाली है, भाजपा के निगम पार्षद और नेता दिन-ब-दिन अमीर होते जा रहे हैं और निगम के कर्मचारी कंगाल होते जा रहे हैं।
आज निगम में काम करने वाले लाखों कर्मचारियों के घर की स्थिति इतने गंभीर मोड़ पर आ गई है कि उनके पास अपने बच्चों की स्कूल की फीस भरने, अपने बुजुर्गों के इलाज कराने तथा खाने तक के पैसे नहीं बचे हैं।
मजबूरी वश इन तमाम कर्मचारियों को आंदोलन का सहारा लेना पड़ रहा है। परंतु सत्ता के नशे में चूर भारतीय जनता पार्टी और उसके नेताओं के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है।
भाजपा ने 2017 के निगम के चुनावों में अपने पुराने तमाम निगम पार्षदों के टिकट काट दिए थे। क्योंकि भारतीय जनता पार्टी को भी यह मालूम था, कि भाजपा के निगम पार्षदों ने नगर निगम में केवल भ्रष्टाचार के अलावा कोई काम नहीं किया है।
यदि इस बार उन्हीं निगम पार्षदों को चुनाव लड़ाया, तो भारतीय जनता पार्टी की नगर निगम में बुरी तरह से हार होगी। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी जी ने नए चेहरे नई उड़ान के नाम पर दिल्ली की जनता को एक बार फिर धोखा दिया।
दिल्ली की जनता ने भाजपा के इस झूठ पर भरोसा करते हुए उनको एक और मौका दिया। परंतु इस बार जो भाजपा के निगम पार्षद जीतकर निगम की सत्ता में आए, उन्होंने पिछले वाले पार्षदों के भ्रष्टाचारों के तमाम रिकार्डों को तोड़ दिया।
आज आप दिल्ली में किसी गली, किसी मोहल्ले में चले जाइए, आपको चारों तरफ कूड़ा नजर आएगा। नालियों में महीनों महीनों तक गंदगी भरी रहती है, सफाई नहीं होती है। नगर निगम में चाहे जन्म प्रमाण पत्र बनवाने जाओ या मृत्यु प्रमाण पत्र, कोई भी कार्य बिना रिश्वत दिए नहीं होता।
दिल्ली में कहीं कोई गरीब व्यक्ति यदि अपना घर बनाने लग जाए तो भाजपा के निगम पार्षद उगाही करने के लिए उसके दरवाजे पर आकर खड़े हो जाते हैं।
एक एक लेंटर डालने के लिए 2 लाख रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक भाजपा के निगम पार्षदों को रिश्वत देनी पड़ती है। भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली नगर निगम को भ्रष्टाचार का एक कार्य खाना बनाकर रख दिया है।
आम आदमी पार्टी, निगम के कर्मचारियों द्वारा किए गए आज के इस आंदोलन का पूरी तरह से समर्थन करती है। आम आदमी पार्टी की यह मांग है कि जल्द से जल्द नगर निगम की सत्ता में बैठी भाजपा, इन तमाम कर्मचारियों के रुके हुए वेतन का सारा पैसा इनको दे।
ताकि इन कर्मचारियों के घर में फिर से चूल्हा जल सके, जिनके बच्चों कि पढ़ाई पैसे ना होने के कारण रुक गई थी वह फिर से शुरू हो सके, जिनके घरों में बुजुर्गों का इलाज नहीं हो पा रहा है, उनका इलाज हो सके और यह सभी लोग भी समाज के अन्य वर्ग की तरह एक सम्मानजनक जीवन की शुरुआत फिर से कर सकें।