नई दिल्ली : इरफान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अल्पसंख्यक मोर्चा भाजपा ने अपने बयान में कहा कि दरअसल जब मनमोहन सिंह ने डब्ल्यूटीओ पर दस्तखत किए थे तब उसमें एक क्लॉज यह था कोई भी देश अपने यहां के हस्तशिल्प कला या फिर कुटीर उद्योग को बचाने के लिए दूसरे देशों के सामान पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगा सकता है

या दूसरे देशों के उन सामानों को प्रतिबंधित कर सकता है जो उसके यहां के कुटीर उद्योग को बर्बाद कर सकते हैं लगभग 5 सालों तक भारत में चीन का कोई भी फर्नीचर आयात नहीं होता था फिर चीन ने सोनिया गांधी के एनजीओ को डोनेशन देना शुरू किया कांग्रेस पार्टी और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के बीच में गुप्त समझौता हुआ उसके बाद कमलनाथ चीन की यात्रा पर गए और चीन के फर्नीचर को भारत में ड्यूटी फ्री कर दिया

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उसके बाद भारत का पूरा फर्नीचर उद्योग बर्बाद हो गया भारत में बेंत से बनने वाले फर्नीचर, बांस से बनने वाले फर्नीचर, लकड़ी, आई स्टील से यानी कि पूरा का पूरा फर्नीचर इंडस्ट्रीज चीन के हाथ में चला गया आज आप किसी भी फर्नीचर के शोरूम में जाइए आपको 100% फर्नीचर मेड इन चाइना ही नजर आएगा और वह कुकर्म इसी कांग्रेस ने किया है

अब कानून मंत्री रविशंकर सिंह ने कहा है कि चीन के साथ आयात नीति की समीक्षा की जाएगी और भारत अपने उद्योग को बचाने के लिए फिर से अलग-अलग वस्तुओं पर अलग-अलग ड्यूटी लगाएगा यह जो मां बेटे बेटी और दामाद चीन के पक्ष में बोल रहे हैं मोदी और मोदी सरकार को कोस रहे हैं दरअसल ये चीन के पाले हुए दलाल हैं इन्हें अपनी दलाली खतरे में पड़ती नजर आ रही है इसलिए यह चीख और चिल्ला रहे हैं

पीएम केयर फंड की सीएजी से ऑडिट करवाने की मांग करने वाली कांग्रेस स्वयं 1991-1996 में प्रधानमंत्री राहत कोष से 100 करोड़ रुपए का डोनेशन राजीव गांधी फाउंडेशन के लिए लेती है और 2012 में योजना आयोग जब राजीव गांधी फाउंडेशन का सीएजी से ऑडिट करवाने को कहता है तब सोनिया गांधी ऑडिट करवाने से मना कर देती है और पार्लियामेंट में राजीव गांधी फाउंडेशन की वार्षिक समीक्षा रिपोर्ट की कॉपी भी टेबल करने से मना कर देती है।

राजीव गांधी फाउंडेशन करोड़ों रुपए का डोनेशन चाइना सरकार से भी लेता है।कांग्रेस पार्टी चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी के साथ MoU भी साइन करती है। इसके एवज में कांग्रेस सरकार चीन हितैषी नीतियां बनाती है, चीन के साथ 2009 में फ़्री ट्रेड एग्रीमेंट साइन करती है। इसके बाद भारतीय बाजारों में चीनी उत्पादों की भरमार हो जाती है। कांग्रेस सरकार चीन के साथ भारत का 1.1 बिलियन डॉलर का ट्रेड डेफिसिट 10 साल के कुशासन में बढ़ाकर 36.2 बिलियन डॉलर पर पहुंचा देती है। आज कांग्रेस भारत के खिलाफ जो चीन की भाषा बोल रही है, ये सब चीनी फंडिंग का ही कमाल है।

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