शमशाद रज़ा अंसारी
आप सांसद संजय सिंह ने राम मंदिर भूमि पूजन में दलितों को शामिल न करने पर भाजपा पर जमकर निशाना साधा है। संजय सिंह ने कहा भाजपा नही चाहती कि दलित मन्दिर में प्रवेश करें। भूमि पूजन में दलितों को न बुला कर भाजपा ने अपनी दलित विरोधी मानसिकता उजागर कर दी है। भाजपा ने राम मंदिर शिलान्यास में राष्ट्रपति को इसलिए नहीं बुलाया गया क्योंकि वह दलित हैं। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को इसने नहीं बुलाया गया क्योंकि वह भी निम्न जाति के हैं। जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बुलाया जाता है। 2018 की एनसीआरबी रिपोर्ट के अनुसार भाजपा शासित प्रदेशों में दलितों के प्रति नफ़रत,हिंसा और अपराध की घटनाएं सबसे ज़्यादा बढ़ी हैं।
भाजपा दलित विरोधी है जिसका जीता जागता सबूत राम मंदिर का शिलान्यास कार्यक्रम भी है। जहां दलितों और छोटी जाति वालों को ना बुलाकर अनदेखी की गई। उमा भारती का दर्द छलका वह सब ने देखा। उमा भारती ने कहा भी है कि भगवान राम भाजपा की बपौती नही हैं। कल्याण सिंह को भी नहीं बुलाया गया।
यह सब करने के बाद भाजपा को अपनी ग़लती का अहसास हुआ तो उसने भूमि पूजन के बाद सबसे पहला प्रसाद दलित के घर भिजवाया। दलित के घर प्रसाद भिजवा कर भाजपा का कौन सी नौटंकी करना चाहती है।
संजय सिंह ने भाजपा से सवाल करते हुये कहा कि आज़ादी को सत्तर साल से अधिक होने के बाद भी क्या अभी तक वही मानसिकता चलेगी। देश के महामहिम राष्ट्रपति को जगन्नाथपूरी के गर्भगृह में नही घुसने दिया जाता है,उन्हें पूजा से वंचित रखा जाता है। राम मंदिर के भूमि पूजन से भी वंचित किया गया।
संजय सिंह ने कहा कि मैं देख रहा हूँ भाजपा की पूरी फ़ौज मेरे पीछे पड़ गयी है। सब मेरे ख़िलाफ़ ट्वीट कर रहे हैं,लेकिन मेरी बातों का जवाब कोई नही दे रहा है।