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आज़म ख़ान के ड्रीम प्रोजेक्ट हज हाउस से एनजीटी ने हटाई सील, जानें क्या है पूरा मामला?

शमशाद रज़ा अंसारी

ग़ाज़ियाबाद: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता मोहम्मद आज़म ख़ान इन दिनों मुकदमों में फंसे हुए हैं। जिसकी वजह से उनकी मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। अब आज़म ख़ान के ड्रीम प्रोजेक्ट आला हजरत हज हाउस के लिए ज़रूर राहत भरी खबर आई है। यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आज़म ख़ान के ड्रीम प्रोजेक्ट आला हजरत हाउस से एनजीटी द्वारा लगी सील हट गयी है। हालांकि हज यात्रा का समय निकल जाने की वजह से  साल ही हज यात्रियों को इसका फ़ायदा मिल सकेगा।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने मंगलवार को हज हाउस समिति की याचिका पर सुनवाई करते हुए हज हाउस की सील खोलने का आदेश दे दिया है। इससे पहले साल 2016 में हज हाउस में एसटीपी नही लगे होने कारण सील कर दिया गया था।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने हिंडन नदी के पास स्थित हज हाउस की सील को खोलने का आदेश दिया है।मंगलवार को हज हाउस समिति की याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने डी-सीलिंग का आदेश दिया।इसके साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को तीन सप्ताह बाद हज हाउस परिसर में लगाए गए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निरीक्षण कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।एसटीपी नहीं लगे होने के चलते हज हाउस को बंद किया गया था।

क्या था पूरा मामला

साल 2016 में एनजीटी ने हिमांशु मित्तल की याचिका पर सुनवाई करते हुए बिना एसटीपी वाले हज हाउस को सील करने का आदेश दिया था।हज हाउस समिति की तरफ से कोर्ट में पेश अधिवक्ता रोहित पांडे के मुताबिक साल 2016 में बिना एसटीपी वाले हज हाउस को खोलने पर एनजीटी ने पाबंदी लगा दी थी। बीते साल 6 फरवरी को एनजीटी ने आदेश दिया था कि हज हाउस में 136 के एलडी क्षमता का एसटीपी लगाया जाए और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अपनी रिपोर्ट दाखिल करे।

इसके बाद इस साल 11 जून को हज कमेटी ऑफ इंडिया के सदस्य मोहम्मद इरफान अहमद ने हज हाउस का दौरा किया था।तब उन्होंने एसटीपी लगाने के तमाम दिशा निर्देश दिए थे।इसके बाद हज हाउस में एसटीपी लगाया गया। एसटीपी लगाने के आदेश का पालन करने के बाद एनजीटी में हज हाउस को खोलने की मांग की गई।अधिवक्ता रोहित पांडे ने बताया कि मंगलवार को कोर्ट संख्या एक ने हज हाउस की डीसीलिंग का आदेश दे दिया। इसके साथ ही एनजीटी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आदेश दिया कि वो तीन सप्ताह बाद एसटीपी का निरीक्षण करे। फिर एसटीपी संचालन की एनओसी जारी कर उसका संचालन कराया जाए।

क्या कहती है हज़ कमेटी

हज कमेटी ऑफ इंडिया के सदस्य मोहम्मद इरफान अहमद ने बताया कि मंगलवार को एनजीटी ने हज हाउस को खोलने का आदेश दे दिया है। उन्होंने बताया कि इस साल तो हज का समय निकल गया।अब अगले साल हज के दौरान हज हाउस का फायदा मिलेगा। इरफ़ान अहमद ने आला हजरत हाउस को अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बताने वाले आज़म ख़ान पर निशाना साधते हुये कहा कि समाजवादी पार्टी मुसलमानों को डराने की राजनीति करती रही है। आज़म ख़ान ने मुसलमानों को गुमराह करने के लिए हज हाउस का निर्माण किया। इसे बनाने के लिए उन्होंने जानबूझकर गलत जगह चुनी और इसके तय मानक भी पूरे नही किये।जिस कारण एनजीटी ने इसे सील कर दिया। मुसलमानों की भावनाओं और ज़रूरतों को देखते हुये बीजेपी सरकार ने 3 करोड़ रूपये लगा कर एनजीटी के मानक पूरे करने के बाद एनजीटी से इसे खुलवाया है ।उन्होंने कहा कि हज यात्री सिर्फ एक महीने के लिए ही आते हैं। बाक़ी के ग्यारह महीने हज हाउस का कोई उपयोग नही होता।भाजपा सरकार इस समय और इमारत का सदुपयोग करते हुये इसमें महिलाओं के लिए प्रोफेशनल कोर्स शुरू करेगी।

मुलायम सिंह यादव ने किया था शिलान्यास

आपको बता दें कि आज़म ख़ान के ड्रीम प्रोजेक्ट हज हाउस का शिलान्यास उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने 30 मार्च 2005 को किया था।लगभग दस साल में बन कर तैयार हुये हज हाउस का उद्घाटन 5 सितम्बर 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था। हज हाउस के निर्माण के समय से ही विरोधी दलों द्वारा इसका विरोध शुरू कर दिया गया था। लेकिन प्रदेश में सपा सरकार होने के कारण हज हाउस के निर्माण पर कोई असर नही पड़ा और 5 सितम्बर 2016 को आज़म ख़ान का ड्रीम प्रोजेक्ट हाजियों के लिए तैयार हो गया। 2016 में हज यात्रियों की रवानगी के बाद इसे एनजीटी के आदेश पर बन्द कर दिया गया।

51.30 करोड़ की लागत से बने हज हाउस में 1886 यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था है।इस इमारत में 7 मंज़िले हैं जिनमें हज यात्रियों के ठहरने के लिए 47 हॉल और 36 वीआईपी कमरे हैं। इसमें तीर्थयात्रियों के लिए फॉरेन एक्सचेंज, इमिग्रेशन, मेडिकल सहायता और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं।

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