नई दिल्ली : सरकार देश में विशेषरूप से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम यानी एमएसएमई सेक्टर में रिन्यूअल एनर्जी स्रोतों को प्रोत्साहन देने को प्रतिबद्ध है, नितिन गडकरी ने यह बात कही.

गडकरी ने भरोसा जताया कि 5 साल के अंदर भारत दुनिया में वाहनों के लिए शीर्ष मैन्युफैक्चरिंग हब होगा, गडकरी ने कहा हम सोलर एनर्जी उपलब्ध कराकर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बड़ा बाजार बनाएंगे.

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उन्होंने विदेशी निवेशकों को भारत के एमएसएमई क्षेत्र में निवेश के लिए आमंत्रित किया, उन्होंने कहा कि इससे एमएसएमई क्षेत्र को काफी अवसर उपलब्ध होंगे जिससे यह दुनिया का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बन सकेगा.

गडकरी ‘आत्मनिर्भर भारत-सौर और एमएसएमई में अवसर’ विषय पर एक वेबिनार को संबोधित कर रहे थे, इस मौके पर उन्होंने कहा कि अच्छी पृष्ठभूमि वाली एमएसएमई यूनिट्स को पूंजी बाजार में उतरने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, उन्होंने कहा कि वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी में निवेश के बड़े अवसर हैं.

गडकरी ने इस बात का जिक्र किया कि भारत में बिजली प्रोडक्शन को लेकर व्यापक क्षमता है, उन्होंने कहा कि भारत में सौर बिजली की दर 2,40 रुपये प्रति यूनिट है और बिजली की कमर्शियल दर 11 रुपये प्रति यूनिट है, सोलर एनर्जी के जरिए उत्पादित सस्ती बिजली का इस्तेमाल वाहनों और अन्य विकास कार्यों में किया जाता है.

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