नई दिल्ली : भारतीय बाल संसद की टीम सासंद से लगातार मिल रही है अबतक 20 सासंद से मिल चुकी है BBS की टीम इस मेहनत मे लगी है की बच्चो के मुद्दे डायरेक्ट सासंद तक पहुंचे और GDP का 10% (6%Education और 4% health) बच्चो को मिले, हेल्थ का 1% बढ़ाने की वजह कोविड-19 बिमारी है.
बच्चो के कई तरह के मुद्दे है जैसे शुरुआती साल मे उनकी Personality Develop नही हो पाती उनको अच्छा ट्रेनर नही मिलता है, इस वजह से वह बडे़ होकर उनको Job मे दिक्कत होती है, और कुछ बच्चे Government University का Entrance Exam नही निकाल पाते है, क्योंकि उन्हें अच्छा पढा़ने वाला टीचर नही होता है.
कुछ बच्चों को गाइडेन्स की कमी होती है जिससे वो अपना पसन्दीदा विषय नही चुन पाते है, इन सब बच्चो की ट्रेनिग BBS करता है और सरकार तक इस खबर को पहुचाता है, हम आपको बता दें की जो BBS का Age Group है वो 12 से 17 साल तक है हमारा मानना है की अगर बच्चो को बचपन से ट्रेन किया जाये तो वह अपना सपना पुरा कर सकते है.
हम मानते है कि अगर हम बच्चो को अच्छे से ट्रेन करेंगे, तो वह एक अच्छे राष्ट्रपति, प्रधानमन्त्री, इन्जीनियर, डां और समाजसेवी बनेगे.
ट्रेनिग मे हम जो सिखाते है
-Moral Values (Character Building)
-Personality Development (Communication)
-Skills Development
-SDS Goals
-UNCRC (Child Rights)
-Child Led Advocay
ये सब मुमकिन है जब हमारे सासंद हमारी बाल संसद की मदद करें और हमारे Kids MP से डायरेक्ट बात करे, क्योंकि हमारे kids MP हजा़रो बच्चो की आवाज़ हैं और हम सासंद की मदद से उनके क्षेत्र मे NGOs Staff, Teacher को ट्रेन कर सकते है.
एसोसिएशन फ़ॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट ऑफ चिल्ड्रन एक पंजीकृत संस्था है AHDC खासतौर पर बच्चों से संबंधित समस्याओं पर काम करती है, पहले भी बहुत सारे पहलूँ पर काम कर चुकी है। बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास को ध्यान में रखकर BBS का कंपेन शरू किया गया है।
भारतीय बाल संसद अभियान की आवश्यकता क्यों है?
1- बाल संस्थान बच्चों में नेतृत्व गुण और आत्मविश्वास पैदा करने में मदद करते हैं। भारतीय बाल संसद बच्चों को वह मंच प्रदान करता हैं जो वे आत्म-विकास के लिए उपयोग करते हैं। जब वे एक साथ इकट्ठा होते हैं.
तब वह विभिन्न समस्याओं और मुद्दों पर चर्चा करते हैं। वे अपनी धारणाओं को स्पष्ट करते हैं, निर्णय लेते हैं और सावधानीपूर्वक उन निर्णयो का पालन करते हैं। उन्हें बड़ों के साथ बातचीत करने, महत्वपूर्ण लोगो से मिलने तथा प्रशिक्षण और गठन कार्यक्रमों में भाग लेने के अवसर मिलते हैं। उन्हें स्थानों का दौरा करने और सीखने को मिलता है। ये अनुभव प्राकृतिक रूप से व्यवस्थित हैं।
2- भारतीय बाल संसद का उदेश्य लोगो को एक नए विश्व व्यवस्था की कल्पना के लिए प्रेरित करना तथा ग्राम प्रमुखों, माता-पिता, शिक्षकों और उनके सवालों और दिये जाने वाले जवाबो को व्यवस्थित और सुसज्जित क्रमांक प्रदान करना है तथा उन लोगों से सामना करना जो भारतीय बाल संसद की प्रभावकारिता और व्यावहारिकता पर संदेह करते हैं और उन्हें अभियान की अवधारणा से अवगत कराना है।
जब एक बार बच्चों के औचित्य और पालन-पोषण का लाभ बड़ों के सामने सुस्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया जाएगा तो वे स्वयं भारतीय बाल संसद के गठन के लिए उत्साहित होगें। अवधारणा और सफलता की कहानियां इतनी दिलचस्प और आश्वस्त रूप से प्रस्तुत की जानी चाहिए कि वे अवधारणा को चुनौतीपूर्ण और गंभीरता से लें।
3- जो छात्र केवल पाठ्य पुस्तकों, ट्यूशन और परीक्षाओं में व्यस्त रहते हैं, वे जीवन की आधुनिक वास्तविकताओं और चुनौतियों का सामना करने के लिए बीमार हैं। उनमें जीवन को पूर्ण रूप से जीने के लिए आत्मविश्वास और अन्य क्षमताओं की कमी है। वे आसानी से कई बार उदास हो जाते हैं और उन विशेष परिस्तिथियो से हार मान लेते है।
भारतीय बाल संसद ने अपनी व्यापक और तात्कालिक परिस्थितियों से परे एक दुनिया की शुरुआत करके बच्चों के मानसिक क्षितिज को असीमित किया है। ये संसद बच्चों को जीवन में सफल होने और व्यक्तिगत रूप से एक आदर्श व्यक्ति बनने में मदद करती हैं।
4- भारतीय बाल संसद चरित्र निर्माण और कौशल विकास की दिशा में कार्य करती है।
आत्मविश्वास और नेतृत्व जीवन के लिए आवश्यक हैं, खासकर जब नौकरी और व्यवसास की बात हो। सामाजिक जीवन में वृद्धि और प्रगति सीधे बच्चों के आत्मविश्वास और नेतृत्व गुणों को विकसित करती है।ये गुण चमत्कारिक रूप से पलभर में नहीं आते हैं, न ही केवल शैक्षणिक योग्यता के आधार पर हासिल किए जाते हैं।
आत्मविश्वास और नेतृत्व गुणों को प्राप्त करने के लिए एक बड़े समाज के साथ बातचीत करने की आवश्यकता है। सामान्य ज्ञान का एक अतिरिक्त कोष स्वयं को आत्मविश्वासी और प्रेरक नेता बनाने में एक लंबा रास्ता तय करता है। आज दुर्भाग्यवश बच्चों के व्यक्तिगत गुणों के विकास मे जो रुकावट है वह है पर्याप्त मंचों का न होना।
भारतीय बाल संसद बच्चों को वह मंच प्रदान करता है जिनका उपयोग वे आत्म-विकास के लिए कर सकते हैं।
5- भारतीय बाल संसद सदस्यों को सार्वजनिक रूप से अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए सशक्त बनाती है।
6- भारतीय बाल संसद ने बच्चों को उनके अधिकारों से तो अवगत कराया ही इसके साथ साथ हर तरह के उत्पीड़न से सुरक्षा की शिक्षा भी प्रदान की है।
7- भारतीय बाल संसद कठिन परिस्थितियों में बच्चों की निगरानी के लिए समाज मे एक सुरक्षा जाल बुनने का काम करती है, जैसे कि भगोड़े बच्चे, लापता बच्चे, तस्करी वाले बच्चे, आदि को सुरक्षित करना।
भारतीय बाल संसद को कन्वीन AHDC कर रही है जो AHDC का BBS सिर्फ एक प्रोजेक्ट है और साथ मे कई प्रोजेक्ट पर काम कर रही है………..
हमे Hamraah Foundation और Imperfect सस्था BBS campaign मे मदद कर रही है, और हम चाहते है कि ऐसी सारी संस्थाएं आगे बढ़-चढ़कर मदद करे और इस campaign को मज़बूत करे.