नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राजेन्द्र नगर से विधायक राघव चड्ढा ने बुधवार को केंद्र सरकार के राम मनोहर लोहिया अस्पताल को गलत कोरोना टेस्ट रिपोर्ट देने और कोरोना टेस्ट के परिणामों में देरी करने के लिए अस्पताल की आलोचना की। राघव चड्ढा ने कहा कि पूरी दुनिया और भारत कोरोना महामारी की चपेट में है। बीमारी बढ़ती ही जा रही है। तमाम राज्य सरकारें कोशिश कर रही हैं कि इस बीमारी को रोका जाए और लोगों को अच्छा इलाज मिल सके। कोरोना बीमारी के इलाज में सबसे अच्छी भूमिका अस्पताल निभाते हैं और अस्पतालों में भी इलाज की सबसे बड़ी कड़ी जांच होती है। तमाम बड़े-बडे विश्व प्रसिद्ध महामारी विशेषज्ञों और विश्व स्वास्थ्य संगठनों, आईसीएमआर के दिग्गजों ने भी यही कही है कि जांच सबसे महत्वपूर्ण है। इस बीमारी की जांच करना ही इस बीमारी से लड़ने का एकमात्र तरीका है।

श्री चड्ढा ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का का राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल एक नामी अस्पतालों में से एक है, जिसने जांच प्रक्रिया को ताक पर रख कर कुछ दिनों में अपने अस्पतालों को चलाया है और केंद्र और दिल्ली सरकार से जारी जांच के प्रोटोकाॅल और दिशा निर्देश और दिल्ली हाईकोर्ट के दिशा निर्देशों को ताक पर रख कर बीते कुछ दिनों में जो काम किया है, उससे उस अस्पताल ने कहीं न कहीं अपना नाम भी खराब किया है और अपनी प्रक्रिया पर बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह लगाया है।

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राघव चड्ढा ने कहा कि प्रोटोकाॅल के अनुसार और जांच की गुणवत्ता सुनिश्चित रखने के लिए दिल्ली सरकार अस्पतालों द्वारा जांच किए गए कुछ नमूनों का समय-समय पर दोबारा जांच कराती है। उसी कड़ी में आरएमएल अस्पताल में जांच किए गए कुछ नमूनों की दोबारा जांच कराई गई है। अस्पताल से 30 नमूने लिए गए। इसकी जांच अस्पताल कर चुका था और रिपोर्ट में सभी को कोरोना पाॅजिटिव बताया था। हमने उसकी दोबारा जांच कराई, तो उसमें से 12 सैंपल निगेटिव निकला और दो सैंपलों में कोई नतीजा नहीं निकला। अस्पताल ने एक दिन पहले ही अपनी रिपोर्ट में पाॅजिविट बताया था। आरएमएल के परीक्षण में 45 प्रतिशत रिपोर्ट में त्रुटि मिली। यह बेहद चैका देने वाली बात है। उन मरीजों की मानसिक स्थिति, उनके परिवार, पड़ोसियों पर हुए आघात के बारे में सोचें, जब उन्हें यह कहा गया होगा कि आपको कोरोना है। इस तरह के झूठे और गलत परिणाम बेहद निंदनीय हैं और यह आरएमएल अस्पताल की लापरवाही को उजागर करता है।

उन्होंने यह भी कहा कि आरएमएल अस्पताल ने परीक्षण के 48 घंटे के भीतर कोविड-19 परीक्षण डेटा जमा करने पर दिल्ली सरकार, केंद्र और दिल्ली हाई कोर्ट के मानदंडों का उल्लंघन किया है।

श्री चड्ढा ने कहा कि केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और दिल्ली हाई कोर्ट ने बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि कोविड-19 जांच की रिपोर्ट अगले 48 घंटे के भीतर हर हालत में देनी है। प्रयास करना है कि 24 घंटे के अंदर ही दे दिया जाए। लेकिन यह दुर्भाग्य है कि आरएमएल अस्पताल ने इन प्रोटोकॉल का पूरी तरह से उल्लंघन किया है। आईसीएमआर की डेटा के अनुसार, आरएमएल अस्पताल ने जांच रिपोर्ट कभी 72 घंटे, कभी 6 दिन या 7 दिन या 10 दिन और कभी 31 दिनों के बाद रिपोर्ट दे रहा है। जिन लोगों कोतीन दिन बाद रिपोर्ट मिली, उनकी संख्या 281 है। चार दिन बाद 210 लोगों को रिपोर्ट मिली, एक सप्ताह बाद 50 लोगों को रिपोर्ट मिली। चार लोगों को 9 दिनों के बाद रिपोर्ट मिली और कुछ लोगों को 31 दिनों के बाद रिपोर्ट मिली। ऐसा उल्लंघन अस्वीकार्य है, क्योंकि इससे बीमारी का प्रसार होगा। क्योंकि जिन लोगों के परिणाम लंबित हैं वे कई अन्य लोगों से मिल सकते हैं और यदि व्यक्ति कोरोना संक्रमित है, तो बीमारी फैल सकती है।

राघव चड्ढा ने कहा कि आम आदमी पार्टी की ओर से मैं दिल्ली सरकार से आरएमएल अस्पताल के खिलाफ, 45 प्रतिशत गलत कोविड-19 जांच रिपोर्ट देने और 48 घंटे के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के सरकारी नियमों का उल्लंघन करने के लिए कड़े कदम उठाने का अनुरोध करूंगा। राघव चड्ढा ने दिल्ली के नागरिकों से आरएमएल अस्पताल में इलाज कराने से बचने का भी अनुरोध किया है। क्योंकि इससे उन्हें अधिक खतरा हो सकता है। क्योंकि आरएमएल अस्पताल सरकार के दिशा निर्देशों का पालन नहीं कर रहा है।

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