नई दिल्ली : राहुल गांधी ने आज लोकसभा में बोलते हुए मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा, राहुल गांधी ने कहा कि पहले कृषि कानून के कंटेट में मंडियों को खत्म करना है.
दूसरे कृषि कानून के कंटेंट में है कि कोई भी उद्योगपति जितना चाहें अनाज, फल और सब्जी उतना स्टोर कर सकते हैं, जमाखोरी को बढ़ावा देना कानून का लक्ष्य है.
राहुल गांधी ने कहा कि तीसरे कानून के कंटेंट में है कि जब एक किसान हिंदुस्तान के सबसे बड़े उद्योगपतियों के सामने जाकर सब्जी-अनाज के लिए सही दाम मांगेगे तो उसे अदालत में नहीं जाने दिया जाएगा.
राहुल गांधी के भाषण के वक्त बीजेपी के सदस्य हंगामा करते नजर आए, इसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि आप बजट पर बात कीजिए, राहुल गांधी अपनी बात रखते रहे.
राहुल गांधी ने कहा कि सालों पहले फैमली प्लानिंग का नारा था हम दो हमारे दो, आज क्या हो रहा है, ये नारा दूसरे रूप में आया है, इस देश को चार लोग चलाते हैं, आज इस सरकार का नारा है हम दो-हमारे दो.
राहुल गांधी ने कहा कि दो मित्रों में एक मित्र है उसको फल और सब्जी बेचने का अधिकार, इससे नुकसान ठेले वालों का होगा, छोटे व्यपारियों का होगा, मंडी में काम करने वाले लोगों का होगा, दूसरे मित्र को पूरे देश में अनाज, फल और सब्जी को स्टोर करना है.
राहुल गांधी ने कहा जब ये कानून लागू होंगे, देश के किसान और मजदूर, व्यापारी इनका धंधा बंद हो जाएगा, किसानों का खेत चला जाएगा, सही दाम नहीं मिलेगा और सिर्फ दो लोग हम दो और हमारे दो लोग इसे चलाएंगे.
सालों बाद हिंदुस्तान के लोगों को भूख से मरना पड़ेगा, ग्रामीण अर्थव्यवस्था तबाह हो जाएगी, सरकार की यह पहली कोशिश नहीं है, प्रधानमंत्री ने इसे नोटबंदी में शुरू किया था, पहली चोट नोटबंदी थी.
आइडिया था किसानों-गरीबों से पैसा लो और उद्योगपतियों की जेब में डालो, इसके बाद जीएसटी लाया गया और किसानों-मजदूरों पर आक्रमण किया गया.
राहुल गांधी ने कहा कोरोना आता है, कोरोना के समय मजदूर कहते हैं बस और टिकट दीजिए, सरकार कहती है नहीं मिलेगा, लेकिन सरकार कहती है उद्योगपति मित्रों का कर्ज माफ होगा.
राहुल गांधी ने कहा ये किसानों का नहीं देश का आंदोलन है, किसान सिर्फ रास्ता दिखा रहा है, किसान अंधेरे में टॉर्च दिखा रहा है.
पूरा देश एक आवाज से ‘हम दो, हमारे दो’ के खिलाफ उठाने जा रहा है, किसान एक इंच पीछे नहीं हटने वाला है, किसान और मजदूर आपको हटा देगा, आपको कानून वापस लेना ही होगा.