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जलीकट्टु समारोह में पहुंचे राहुल बोले ‘मैं आपकी संस्कृति, आपकी भावनाओं और इतिहास के बारे में जानने यहां आया हूं।’

मदुरै: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को तमिलनाडु में मदुरै जिले के अवनियापुरम में आयोजित प्रसिद्ध ‘जलीकट्टु’ समारोह का लुत्फ उठाया। राहुल गांधी ने तमिलनाडु के लोगों के साथ निकटता दिखाने के लिए एक पहल के तौर पर पार्टी के ‘राहुलिन तमीज वनक्कम’ (राहुल का तमिल स्वागत) कार्यक्रम के हिस्से के रूप में ‘जलीकट्टु’ समारोह में भाग लिया।

नयी दिल्ली से मदुरै तक विशेष विमान से आये राहुल गांधी ने सांडों को नियंत्रित करने के इस खेल को मंच से 35 मिनट तक देखा। उनके साथ मंच पर पुड्डुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी, तमिलनाडु प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष के एस अलागिरी, द्रमुक युवा इकाई के सचिव उदयनिधि स्टालिन और अन्य लोग मौजूद थे। राहुल गांधी ने बाद में दर्शकों को संबोधित करते हुए कहा, “तमिल संस्कृति और इतिहास को दोहराते देखना एक अच्छा अनुभव था। मुझे यह देखकर खुशी हुई कि जल्लीकट्टू का आयोजन सांडों और सांडों को नियंत्रित करने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करके किया जा रहा था।”

कांग्रेस नेता ने कहा, “मैं विशेष रूप से यहां आया हूं क्योंकि तमिल भाषा, संस्कृति और इतिहास भारत के भविष्य के लिए आवश्यक हैं और भारत में सभी का सम्मान करने की आवश्यकता है।” उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा, “मैं उन लोगों को एक संदेश देने के लिए यहां आया हूं जो सोचते हैं कि वे तमिल लोगों पर हुकूमत जता सकते हैं और तमिल भाषा और संस्कृति को दरकिनार कर आगे बढ़ा सकते हैं।”

राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें तमिलनाडु के लोगों से बहुत प्यार और स्नेह मिला है और यह उनका कर्तव्य है कि वे उनके इतिहास और संस्कृति की रक्षा में उनके साथ खड़े रहें। उन्होंने कहा, “मैं आपकी संस्कृति, आपकी भावनाओं और इतिहास के बारे में जानने के लिए यहां आया हूं।” इस अवसर पर राहुल गांधी की ओर से श्रेष्ठ आने वाले सांड एवं उन्हें नियंत्रित करने वाले श्रेष्ठ व्यक्ति को इनाम के तौर पर दो मोटरसाइकिल देने की घोषणा की गयी।

गौरतलब है कि केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने वर्ष 2011 में ‘जलीकट्टु’ समारोहों पर रोक लगा दी थी। उस समय पर्यावरण मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर सांड के प्रदर्शन करने वाले पशु के तौर पर इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी।

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