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Rajasthan Political Crisis: पायलट ने की पी चिदंबरम से बात, रखी ये शर्त!

नई दिल्ली: राजस्थान के राजनीतिक उठापटक पर जैसी रणनीति कांग्रेस की आलाकमान अपना रही है उसी तरह की रणनीति पायलट ने भी अपना रहे है, ऐसा ही चौंकाने वाला दाँव पायलट ने भी खेला है, बीजेपी के पक्षधर वकीलों से अपने केस की पैरवी कराने के बीच ही उन्होंने पी चिदंबरम से बात की है, कांग्रेस नेतृत्व भी इस मामले में पायलट और उनके समर्थक 18 विधायकों पर कार्रवाई कर रहा है और उनके लिए दरवाज़े भी खोले रखने की बात कह रहा है,

इस पूरे मामले में दोनों तरफ़ से सिर्फ़ बयान ही आ रहे हैं, लेकिन दोनों पक्षों के बीच अंदरुनी तौर पर क्या हो रहा है, इसकी जानकारी बाहर नहीं के बराबर है, ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार चिदंबरम से बात करने का सचिन का यह चौंकाने वाला दाँव गुरुवार को आया, चिदंबरम ने इसकी पुष्टि की और कहा, ‘मैंने सिर्फ़ यह दोहराया कि नेतृत्व ने सार्वजनिक रूप से उन्हें मिलने के लिए आमंत्रित किया था, और सभी मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है, मैंने उन्हें इस अवसर को भुनाने की सलाह दी,’

चिदंबरम से पायलट की यह बातचीत तब सामने आई है जब गहलोत सरकार ने सचिन सहित बाक़ी 19 विधायकों को अयोग्य क़रार देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, पायलट से उप सीएम और अध्यक्ष का पद पहले ही छीना जा चुका है, हालाँकि इस कार्रवाई के साथ ही कांग्रेस नेतृत्व उन्हें पार्टी में वापस लौट आने की अपील भी कर रहा है, इसका जवाब भी पायलट ने उसी अंदाज़ में दिया है,

पायलट लगातार कहते रहे हैं कि वह बीजेपी में शामिल नहीं होंगे, लेकिन जब उन्हें विधानसभा में अयोग्य क़रार दिए जाने की प्रक्रिया शुरू हुई तो उन्होंने हाई कोर्ट में इसके ख़िलाफ़ अपील की है और पैरवी के लिए बीजेपी के पक्षधर वकीलों को ही चुना है, पायलट की ओर से पूर्व अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी और वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे अदालत में पेश हुए, आज इस मामले में सुनवाई होने वाली है,

एक तरफ़ तो दोनों पक्षों में से कोई झुकने को तैयार नहीं है और दूसरी तरफ़ बातचीत का दौर भी जारी है, इसलिए स्थिति साफ़ नहीं हो पा रही है कि दरअसल आगे क्या होने वाला है, एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पायलट से बातचीत करने वाले कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि उन्हें आश्वासन दिया गया है कि यदि वह वापस आएँगे तो उनकी ‘सम्मानजनक वापसी’ होगी,

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, एक नेता ने कहा, ‘अगर पायलट कैंप ने कार्यवाही को दो-तीन दिनों के लिए टाल दिया, तो पार्टी के वकील आपत्ति नहीं कर सकते हैं, ये प्रक्रियाएँ हैं, जिनका हमें पालन करना होगा, लेकिन अगर विधायक वापस लौटते हैं, तो अयोग्यता कार्यवाही वापस ले ली जाएगी, हमें गहलोत सरकार को बचाने की कोशिश करनी होगी,’ विधानसभा सचिवालय द्वारा विधायकों को जारी किया गया नोटिस यह स्पष्ट करता है कि उन्हें तीन दिनों के भीतर अपनी लिखित टिप्पणी और प्रस्तुतियाँ भेजनी होंगी,

बता दें कि कांग्रेस की शिकायत पर विधानसभा के अध्यक्ष ने पायलट समेत 19 विधायकों को नोटिस जारी किया था और उन्हें शुक्रवार तक उसका जवाब देने को कहा था, स्पीकर ने यह नोटिस तब जारी किया जब कांग्रेस पार्टी ने इन बाग़ी विधायकों को कारण बताओ नोटिस थमा दिया था, इस नोटिस में कहा गया था कि इन विधायकों ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भाग नहीं लेकर अनुशासन भंग किया है तो ऐसे में उनके ख़िलाफ़ अनुसशासन की कार्रवाई क्यों न की जाए, अदालत में स्पीकर की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश होंगे जबकि बाग़ी विधायकों की पैरवी पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी करेंगे,

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