हफ़ीज़ किदवई
यह औरत जब जेल की सलाखों में होगी तभी कुछ नफरत से बजबजाते दिलों को शायद सुक़ून मिले। मैं इनकी तस्वीर देखता हूँ और सोचता हूँ कि आख़िर वह कौन सी नफरत है, जो इनको बर्दाश्त नही कर पा रही है। आख़िर वह कौन से खोखली शक्ति वाले लोग हैं, जो इनसे डरकर इनका घेर कर शिकार करना चाहते हैं। सब मिलकर इस एक को निपटाने के लिए रोज़ प्रपंच गढ़ते हैं।
राजीव गाँधी फाउंडेशन को सामने रखकर फिर एक बार कीचड़ से भरी तोपों का रुख इस महिला की तरफ किया गया है। हज़ारों हमले जो चरित्र से शुरू होकर राजनीति तक इन पर किये जाते रहे हैं और हर बार यह महिला इन हमलों से निकलकर अपनी पवित्रता को साबित करती रही है।
यह एक महिला है, जिसने अपनी ज़िन्दगी इतनी नही जी है, जितनी परीक्षाएँ दी हैं। कभी पति प्रेम पर सवाल उठे तो कभी धर्म पर,तो कभी देशप्रेम पर सवाल उठे तो कभी विदेशी सम्बन्धो को घसीटा गया। इस औरत की घर की चौखट से संसद की ड्योढ़ी तक इतने सवाल बिखेरे गए कि इसे टूट जाना चाहिए था,मगर टूटना तो दूर बल्कि बिना डिगे यह सब सवाल,सारी गन्दी सोच,सारे कीचड़ और कालिख़ के बीच से निकलकर आम लोगों के दिलों में बैठ गई। सब मुँह तकते रह गए विदेश विदेशी कहकर और अपने विपक्षियों के जबड़े से सत्ता छीनकर एक झटके में बीस साल पहले सताई गई क़ौम के सबसे योग्य प्रतिनिधि के हाथ मे दे दी। जो सत्ता के लिए तमाम प्रपंच करते थे,उनको समझ भी नही आया कि क्या कुर्सी भी छोड़ी जा सकती है, यही तो वह कुर्सी थी जिसके लिए यह अपनो की पीठ में छुरा भोखने से नही चूकते थे,इसने एक झटके में छोड़ दी।
जब सब इससे उबरे तब खेल खेला गया कि कुर्सी पर तो कठपुतली है। मक्कारों ने क़ाबिल योग्य और सरल मनमोहन को कठपुतली करार देकर फिर अपनी तोपें साफ कीं और उसका रुख फिर इस महिला की ओर घुमा दिया। दुनिया की हर गलती की पैबंद इस महिला पर चस्पा की जाने लगी,इनके बच्चों को भी बदनाम करने वाली तोपों के सामने बाँध दिया गया और एक एक कर सब इनपर हँसते, इनका मज़ाक बनाते और इन्हें मूर्ख साबित करने के लिए करोड़ों रुपये और हज़ारों मंदबुद्धि ट्रोलसेना को लगाते। ऐसे ऐसे आरोप ऐसी ऐसी फ़ोटो एडिट करके लगाई जाती की बेशर्म से बेशर्म इंसान शरमा जाए। मगर यह तो इंसान ही नही थे,तो शर्म काहे की,करते हैं चरित्र पर हमले मगर यह औरत रत्ती भर डिगी नही।
असल में ईमान खरीदने वाले माहिर खिलाड़ी को लगा होगा कि इनको खरीद लिया जा सकता है,मगर वह बाज़ार से मुँह लटकाए लौटा क्योंकि जिसे खरीदने गया था,वह बाज़ार में था ही नही,जो बाज़ार में नही उसकी बोली क्या लगाए,खिसियाहट में उसने शाही डंडा चलाया और चाहा कि इससे तो झुका ही लेंगे मगर नही झुका सका। उसे लगता है कि हर एक कि एक क़ीमत होती है, हर एक को डराया जा सकता है, हर एक को तोड़ा जा सकता है, हर एक को झुकाया जा सकता है मगर वह यह भूल जाता है कि कुछ लोग न बिकते हैं, न टूटते हैं, न झुकते हैं और न ही डरते हैं क्योंकि यह महात्मा गाँधी, भगत सिंह,नेहरू,पटेल,आज़ाद की परम्परा के लोग हैं, मिट जाएँगे मगर झुकेंगे नही।
मुझे यह पता है, यह एक महिला उनको ख्वाब में भी डराती है। जब कोई अधर्म करके बिस्तर पर लेटता है, तब उसको नींद नही आती,यह महिला अधर्मियों की नींद उड़ाने के लिए काफ़ी है, तभी हर महीने इसके खिलाफ तोपें तान दी जाती हैं और झूठी बातों के थाल सजाए जाते हैं, यह डर दिखलाता है, अथाह डर कि जब सारी ताक़त है, भयँकर जन समर्थन है, जो अच्छे बुरे पर सवाल करने की औकात भी खो चुका है, तब भी प्रचंड ताकत लिए लोग इस महिला से डरते हैं । वह इतिहास भूल जाते हैं कि जब भी किसी महिला पर अधर्म ने ठहाकों के बीच हाथ डाला है, भगवान ने उस महिला का साथ दिया है और तमाम अधर्मी अहंकारी ताकतों को चकनाचूर किया है।
राजीव गाँधी फाउंडेशन हो या दूसरी संस्थाएँ, आप खुलकर इन पर हमला कीजिये,मगर हासिल वही होगा,जो आज तक होता आया है, सिफर…खिसियाकर फिर इनका पहला नाम ही चिल्ला चिल्ला कर बोलना पड़ेगा,क्योंकि खिसियाए अधर्मी अहंकारी लोग चीरहरण ही करते हैं। मुझे हँसी आती है कि आखिर इस महिला से इतना डर क्यों। क्यों रोज़ नए नए बहाने ढूंढे जाते हैं जिन्हें घसीटने के लिए,आखिर वह कौन सा डर है जो सत्ता को नींद नही आने दे रहा । इतना बेचैनी तो अधर्म में होती है, जो धर्म देख फड़फड़ाने लगता है, इतना डर तो रात की कालिख़ में होता है कि वह सूरज की एक किरण देख तड़प उठता है।
यह औरत प्रेम,समर्पण और त्याग का प्रतीक है। ऐसे उदाहरण पिछले सत्तर सालों में देखने को नही मिलेंगे, इसलिए इनसे अधर्मी डरते हैं, क्योंकि यह गुण ईश्वर देता है। ईश्वर अपने होने का संकेत ही प्रेम और त्याग के रूप में देता है और जिस हृदय में ईश्वर न जाना चाहे,उसमें अहंकार और नफरत भर देता है। यह महिला भविष्य में दुनिया भर में पढ़ी जाएगी,यह मान लो…दुनिया की सबसे शक्तिशाली महिला जो दक्षिणपंथ के सामने न रुकी,न थकी,न डिगी,न टूटी और न झुकी…. सोनिया गाँधी हमारा गर्व हैं। तमाम तोपें जंग खाकर गिरेंगी फिर,क्योंकि वह अधर्म के रास्ते पर हैं।
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