रेल मंत्री जी,
बहुत सारे छात्र मुझे फोन कर रहे हैं। वे आपके ट्विटर हैंडल पर भी हैं और वहां भी अपनी बात रख रहे हैं। लगता है आपका ध्यान नहीं गया है। थोड़ा ध्यान दीजिए और अपने विभाग से कहें कि इन छात्रों को वस्तुस्थिति से अवगत करा दें। ये छात्र अपनी संख्या कभी 20 लाख बताते हैं तो कभी 5 लाख भी। कितने छात्र हैं और कितनी संख्या है, एक सीमा के बाद बेमानी है।
इनकी शिकायत है कि लाखों की संख्या में फार्म रिजेक्ट हो गए हैं। उनके हिसाब से फोटो सही लगाई थी फिर भी किसी आधार पर फार्म रिजेक्ट कर दिया गया है। एक ने ट्विट किया है कि उसके भाई का फार्म इस आधार पर रिजेक्ट हो गया क्योंकि उसी नाम और जन्मतिथि का कोई दूसरा भी था। एक कहना है कि जो फोटो रिजेक्ट हुआ है वो रेलवे के ही अन्य इम्तहान में स्वीकृत हो चुका है।
मैंने इनसे कहा कि इन दिनों कश्मीर की ख़बर ही प्रमुख रहेगी। ये लोग भी कश्मीर में व्यस्त हैं मगर फार्म का कुछ हो जाता और इन्हें भी परीक्षा में बैठने की अनुमति होती तो अच्छा होता। ये सारे छात्र पराए नहीं हैं। इनमें से ज़्यादातर आपको ही वोट देने वाले होंगे। इसलिए थोड़ा वक्त निकालकर उनकी समस्या का निराकरण कर दीजिए। आपको दुआएं मिलेगी। वरना ये छात्र निराश हो जाएंगे।