नई दिल्ली : सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी नगर निगमों को चलाने में पूरी तरह से फेल हो चुकी है। लिहाजा, भाजपा तत्काल एमसीडी को बर्खास्त करे और दोबारा चुनाव कराया जाए।

एमसीडी में भाजपा के नेतृत्व का पर्दाफाश हो गया है। भाजपा नेताओं ने हजारों करोड़ रुपए का घोटाला कर दिल्ली को बर्बाद कर दिया है। दिल्ली सरकार से पूरा पैसा लेने, प्राॅपर्टी टैक्स बढ़ाने और कई नए टैक्स लगाने के बावजूद एमसीडी कर्मचारियों को सैलरी नहीं दे पा रही है, जिसके परिणाम स्वरूप कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं।

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उन्होंने कहा कि एमसीडी चुनाव-2017 के दौरान भाजपा के तत्कालीन दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष व सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली वालों से पैसे की कमी नहीं होने देने और केंद्र से पैसा लेकर एमसीडी चलाने का वादा किया था।

झूठे वादे कर दिल्ली के लोगों को गुमराह किया और केंद्र से एक रुपए नहीं लेकर आए। उन्हें दिल्ली का सांसद बने रहने का कोई अधिकार नहीं है और नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली नगर निगम के वे कर्मचारी, जो समाज का सबसे गरीब और मेहनती तबका होता है और जिन्होंने कोरोना महामारी में दिल्ली में जी-जान से काम किया।

चाहे वह सफाई कर्मचारी हों, डॉक्टर हों, नर्स या अन्य स्वास्थ्य कर्मी हों या फिर नगर निगम के अन्य कर्मचारी हों। कोरोना काल में अहम योगदान निभाने वाले इन कर्मचारियों को जब कई महीनों तक वेतन नहीं दिया गया, तो वे दोबारा हड़ताल पर चले गए हैं।

आज भी लगभग वही स्थिति बनी हुई है, जो अब से 5 साल पहले थी। भाजपा चाहती है कि दिल्ली नगर निगम के कर्मचारी बार-बार हड़ताल पर जाएं, उनका वेतन रोका जाए, दिल्ली के अंदर एक बार फिर झाड़ू लगना और कूड़ा उठना बंद हो जाए।

जगह जगह कूड़े के ढेर लग जाएं, मुख्य रास्तों पर कूड़ा डाला जाए और दिल्ली को पूरी दुनिया में बदनाम किया जाए।

उन्होंने आगे कहा कि जो स्थिति आज से 5 साल पहले 2015 में थी, वही स्थिति आज 2021 में भी बनी हुई है।

दिल्ली के लोगों का सिर्फ एक ही सवाल है कि अगर भाजपा से दिल्ली नगर निगम नहीं संभल रहा, अगर इनसे पैसों का रखरखाव नहीं होता, अगर यह दिल्ली के वित्तीय प्रबंधन को संभालने में सक्षम नहीं हैं, तो वे दिल्ली नगर निगम क्यों चला रहे हैं?

इन्हें नगर निगम से हट जाना चाहिए, क्योंकि यह स्थिति चुनाव जीतने के बाद एक बार फिर से उत्पन्न होगी। चुनाव जीतने के बाद यह लोग फिर से कहेंगे कि हमारे पास पैसा नहीं है। एक बार फिर से दिल्ली कूड़ा-कूड़ा हो जाएगी।

एक बार फिर से नगर निगम के कर्मचारी अपने वेतन को लेकर हड़ताल और धरना प्रदर्शन करेंगे। अगर कोई भी व्यक्ति किसी काम के लिए इनके पास जाता है, तो यह एक ही बात कहते हैं कि हमारे पास पैसा नहीं है, हमारे पास बजट नहीं है।

सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा कि जब 2017 में एमसीडी चुनाव हुआ था, तो दिल्ली की जनता ने इनसे सवाल किया था कि जब पिछले पांच सालों में आपसे नगर निगम नहीं संभला, हर दूसरे दिन आप कहते हैं कि हमारे पास पैसा नहीं है,

हम वेतन नहीं दे पा रहे हैं, हम पेंशन नहीं दे पा रहे हैं, तो इस बार आप ऐसा क्या कर देंगे जिससे दिल्ली ही हालत अच्छी हो जाएगी और दिल्ली स्वच्छ बन जाएगी।

तब भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी जी ने दिल्ली की जनता से वादा किया था कि हम दिल्ली नगर निगम के अंदर अब पैसों की कोई कमी नहीं होने देंगे। हम सीधे केंद्र सरकार से पैसा लेकर आएंगे।

हम अच्छी तरह से दिल्ली नगर निगम को चलाएंगे। इस झूठे वादे का उन्होंने खूब प्रचार किया। 2017 में जनता ने एक बार फिर भाजपा पर विश्वास किया और नगर निगम में भाजपा की सरकार बनी।

सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा कि आज जब हम 2021 में हैं, आज नगर निगम में इनकी सरकार बने हुए 4 साल हो गए हैं, लेकिन आज भी स्तिथि जस की तस है। आज भी वही परिस्थितियां बनी हुई हैं।

भाजपा सांसद मनोज तिवारी एक रुपया भी केंद्र सरकार से नहीं लाए हैं। केंद्र सरकार ने एक रुपए से भी नगर निगम की मदद नहीं की है। हम चाहते हैं कि मनोज तिवारी यह बात केंद्र सरकार के सामने रखें।

अगर वह ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो मनोज तिवारी को नैतिकता के आधार पर सांसद पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्हें इस पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। मनोज तिवारी ने दिल्ली वालों से झूठ बोला था और पूरी दिल्ली के लोगों को गुमराह किया था।

दोबारा सत्ता में आने के बाद भी उन्होंने केंद्र सरकार से नगर निगम को एक रुपए की भी मदद नहीं दिलाई। नगर निगम की यह ड्रामेबाजी देखते हुए दिल्ली की जनता को 15 साल हो गए हैं। घूम फिर कर यह एक ही बात बोलते हैं कि हमारे पास पैसा नहीं है।

उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली नगर निगम कई बार हाईकोर्ट में जा चुका है। इस मामले को लेकर के कई लोग भी हाईकोर्ट में जा चुके हैं, लेकिन हाईकोर्ट में यह बात साफ हो गई कि दिल्ली सरकार पर नगर निगम का एक भी रुपया बकाया नहीं है।

 हाईकोर्ट ने अभी तक इस मामले पर कोई भी ऐसा ऑर्डर नहीं दिया है, जो इनके पक्ष में हो। हाईकोर्ट में पेश किए गए दस्तावेजों से यह साफ हो जाता है कि दिल्ली सरकार पर नगर निगम का कोई रुपया बकाया नहीं है।

यह बात भी कोर्ट में साफ हो गई है कि दिल्ली सरकार को जितना पैसा नगर निगम को देना है, उससे कहीं ज्यादा दिल्ली सरकार, एमसीडी को दे चुकी है। इसीलिए हाईकोर्ट ने अभी तक इनके पक्ष में कोई फैसला नहीं सुनाया है। दिल्ली सरकार सारा पैसा नगर निगम को दे चुकी है।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अगर दिल्ली सरकार द्वारा सारा पैसा देने के बाद भी, प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाए जाने के बाद भी, कई प्रकार के नए टैक्स लगाए जाने के बावजूद भी इनका पेट नहीं भरा, कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जा रहा,

तो मैं भाजपा के पूरे नेतृत्व से हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि आप दिल्ली नगर निगम को खाली कर दें। नगर निगम को बर्खास्त कर दें। हमारी मांग है कि दिल्ली नगर निगम के नए चुनाव कराए जाने चाहिए।

भाजपा दिल्ली नगर निगम में पूरी तरह विफल साबित हुई है और भाजपा के नेतृत्व की पोल खुल चुकी है। रोज घोटाले हो रहे हैं और मैं घोटालों के बारे में प्रेस कांफ्रेंस करते-करते थक चुका हूं।

हजारों करोड़ के घोटाले हो रहे हैं और कोई जवाबदेही नहीं है, ना कोई कुछ पूछने वाला है, ना ही कोई सुनने वाला है। इन्होंने दिल्ली वालों की बुरी दुर्दशा कर रखी है। दिल्ली नगर निगम के दोबारा चुनाव कराए जाने चाहिए, जिससे अच्छे लोग नगर निगम में आएं और इसको अच्छे तरीके से चलाएं।

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