नई दिल्ली: गुजरात में राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले एक बार फिर जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है, गुरुवार को कांग्रेस के दो विधायकों ने पार्टी और विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है, सूत्रों का कहना है कि कर्जन विधायक अक्षय पटेल ने इस्तीफा दे दिया है और कपराडा के विधायक जीतू चौधरी अब पार्टी के संपर्क में नहीं हैं, कांग्रेस का मानना है कि उन्होंने भी इस्तीफा दे दिया है, कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अपुष्ट खबरें हैं कि एक और विधायक भी इस्तीफा दे सकते हैं,
अगर दो विधायकों के इस्तीफे की बात मान कर चलें तो राज्य में फिलहाल कांग्रेस के पास 66 विधायक हैं, इससे पहले मार्च में गुजरात कांग्रेस के पांच विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, इसके बाद कांग्रेस के विधायकों की संख्या 68 हो गई थी, अब दो और कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है, गुजरात में राज्यसभा की चार सीटों के लिए 19 जून को चुनाव होने हैं, इन चार सीटों के लिए पांच उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस मुरली कृष्ण के मुताबिक 19 जून को सुबह नौ बजे से शाम चार बजे के बीच मतदान की प्रक्रिया होगी, जिसके बाद शाम पांच बजे से मतों की गिनती शुरू की जाएगी,
यहां आपको बता दें कि गुजरात में जो चार राज्यसभा सीटें खाली हुई हैं, उनमें से तीन पहले बीजेपी के पास थीं और एक कांग्रेस के पास, कांग्रेस ने इस बार अपनी मजबूत स्थिति देख दो उम्मीदवारों को उतारा था, लेकिन अब उसकी संख्या घटती जा रही है, कांग्रेस ने शक्तिसिंह गोहिल और भरतसिंह सोलंकी जैसे वरिष्ठ चेहरों को मैदान में उतारा है वहीं बीजेपी ने अभय भारद्वाज, रमीला बारा और नरहरि अमीन को मैदान में उतारा है, अगर बीजेपी अंतिम समय में अमीन को उम्मीदवार नहीं बनाती तो चुनाव की जरूरत ही नहीं होती,
गुजरात विधानसभा में बीजेपी के 103 विधायक हैं, कांग्रेस के 66, भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के 2 और एनसीपी का 1 विधायक है, राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए 35,01 वोट की जरूरत, कांग्रेस पहले बीटीपी-एनसीपी और निर्दलीय विधायक की मदद से 2 सीटें आसानी से जीतने का सपना देख रही थी लेकिन दो विधायकों के इस्तीफे के बाद उसका गणित फेल हो गया है, गुजरात की स्थिति एकबार फिर 2017 के राज्यसभा चुनावों जैसी हो सकती है,
याद दिला दें कि 2017 में भी बीजेपी ने गुजरात में एक अतिरिक्त राज्यसभा उम्मीदवार उतारकर कांग्रेस के चाणक्य माने जाने वाले अहमद पटेल की सीट फंसा दी थी, उस वक्त भी कांग्रेस के 6 विधायकों ने चुनाव से ठीक पहले इस्तीफा दे दिया था, उस चुनाव में अहमद पटेल की जीत के लिए कांग्रेस को काफी पापड़ बेलने पड़े थे, कांग्रेस ने इसके लिए देर रात चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा तक खटखटाया था, अंत में एक वोट निरस्त होने की वजह से किसी तरह अहमद पटेल जीत पाए थे, अब फिर गुजरात में वैसी ही स्थिति बन रही है,