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सिब्बल ने फिर उठाया नेतृत्व का मसला, कहा- कांग्रेस नहीं रही जनता की पसंद, सब जान कर भी ख़ामोश है नेतृत्व

नई दिल्ली : बिहार के साथ एमपी, यूपी, गुजरात समेत कई राज्यों में हुए चुनावों में कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा है, कांग्रेस की इस हार से पार्टी के नेता के अलावा गठबंधन के नेता भी नाराज हैं और कांग्रेस को आत्ममंथन करने की सलाह दे रहे हैं, इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भी हाईकमान को आत्ममंथन की सलाह दी है.

कपिल सिब्बल ने कहा कि देश के लोग, न केवल बिहार में, बल्कि जहां भी उपचुनाव हुए, जाहिर तौर पर कांग्रेस को एक प्रभावी विकल्प नहीं मानते, यह एक निष्कर्ष है, बिहार में विकल्प आरजेडी ही था, हम गुजरात में सभी उपचुनाव हार गए, लोकसभा चुनाव में भी हमने वहां एक भी सीट नहीं जीती थी, उत्तर प्रदेश की कई सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों को 2 फीसदी से कम वोट मिले, मुझे उम्मीद है कि कांग्रेस आत्ममंथन करेगी.

सिब्बल ने कहा कि अगर छह साल तक कांग्रेस ने आत्ममंथन नहीं किया है तो हमें इससे क्या उम्मीद है? हमें पता है कि कांग्रेस का क्या कसूर है, संगठनात्मक रूप से हम जानते हैं कि क्या गलत है, मुझे लगता है कि हमारे पास सभी उत्तर हैं, कांग्रेस पार्टी खुद ही सारे जवाब जानती है, लेकिन वे यह जवाब नहीं देना चाहती, जब तक आत्ममंथन नहीं किया जाएगा, तब तक कांग्रेस के ग्राफ में गिरावट जारी रहेगी.

सीडब्लूसी पर कपिल सिब्बल ने कहा कि इसके संविधान में भी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को अपनाया जाना चाहिए, जो कांग्रेस के संविधान के प्रावधानों में ही परिलक्षित होता है, आप नामांकित सदस्यों से यह उम्मीद नहीं कर सकते हैं कि वह सवाल उठाएं.

कांग्रेस नेतृत्व में सवाल उठाते हुए चिट्ठी लिखे जाने पर कपिल सिब्बल ने कहा कि नेतृत्व द्वारा बातचीत के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है, इसलिए मैं उन्हें सार्वजनिक रूप से व्यक्त करने के लिए विवश हूं, मैं एक कांग्रेसी हूं और एक कांग्रेसी रहूंगा और आशा करता हूं कि कांग्रेस फिर से खड़ी हो और राष्ट्र निर्माण को लेकर अपने मूल्यों को आगे बढ़ाए.

कपिल सिब्बल ने कहा कि सबसे पहले हम कांग्रेसियों को यह समझना चाहिए कि हम गिरावट में हैं, जब से संचार क्रांति हुई है, तब से चुनाव प्रेसिडेंशियल चुनाव के रूप में बदल गया, चुनाव के इस प्रेसिडेंशियल रूप में हमें जवाब खोजना होगा और फिर तय करना होगा कि हमें क्या करना है, यदि हम अपनी कमियों को पहचान नहीं पा रहे हैं, तो भी चुनावी प्रक्रिया से वांछित परिणाम नहीं मिलेंगे, हमारी बात सुनने के बजाय उन्होंने हम पर पलटवार किया.

ब्यूरो रिपोर्ट, दिल्ली

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