नई दिल्ली : सुजाता मंडल ने सोमवार को टीएमसी में शामिल हो गई थी, इसके बाद सौमित्र ने उन्हें तलाक के लिए लीगल नोटिस भेज दिया था.
सुजाता मंडल ने कहा कि राजनीति जब आपकी निजी जिंदगी में घुस जाती है, तो यह रिश्तों के लिए खराब हो जाती है, सौमित्र बीजेपी के बुरे लोगों की संगत में हैं.
वे उन्हें मेरे खिलाफ भड़काने की कोशिश कर रहे हैं, ट्रिपल तलाक को खत्म करने वाली पार्टी सौमित्र को आज मुझे तलाक देने के लिए कह रही है.
सौमित्र ने कहा था कि मैं सुजाता के साथ सभी संबंध खत्म कर रहा हूं, मेरी उनसे गुजारिश है कि वे अपने नाम के साथ खान उपनाम का इस्तेमाल न करें, मैं मीडिया से मेरी अपील है कि सुजाता के नाम के साथ खान न लगाएं.
बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, यहां बीजेपी ममता सरकार को उखाड़ने के लिए पूरी ताकत लगा रही है, अमित शाह के बंगाल दौरे के दौरान टीएमसी के कई विधायक, बागी नेता और एक सांसद बीजेपी में शामिल हो गए थे, इसे पार्टी के लिए प्रदेश में बड़ी बढ़त माना जा रहा था.
इसके जवाब में टीएमसी ने सुजाता मंडल को अपने पाले में कर लिया, इसी बात पर पति से उनका रिश्ता बिगड़ गया और नौबत तलाक तक आ गई.
2014 में उन्होंने टीएमसी की ओर से ही चुनाव लड़ा और जीता था, 2019 में उन्होंने बीजेपी की ओर से चुनाव लड़ा और जीते भी, इस समय वे बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं.
सौमित्र ने सियासत की शुरुआत कांग्रेस से की थी, तब वे विधायक का चुनाव जीते थे, 2013 में उन्होंने टीएमसी का दामन थाम लिया और सांसद बन गए, 2019 में बीजेपी में आने के बाद उन पर नौकरी चाहने वाले लोगों से रुपये लेने का आरोप लगा.
उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया, कोलकाता हाईकोर्ट ने उनके निर्वाचन क्षेत्र में जाने पर रोक लगा दी थी, इसके बावजूद उन्होंने 78,000 से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की.
विष्णुपुर में 1971 के बाद से लगातार कम्युनिस्ट पार्टी जीतती आ रही थी, सौमित्र ने टीएमसी की ओर से चुनाव लड़ते हुए 2014 में यह सिलसिला तोड़ा, 2019 में बीजेपी के टिकट पर दूसरी बार जीत हासिल की.