नई दिल्ली : सुखबीर सिंह बादल ने किसान आंदोलन को लेकर कहा कि यह बहुत ही शर्मनाक बात है कि मोदी सरकार अपने अड़ियन रवैये पर कायम है और किसानों की मांग अनुसार तीनों विवादित कृषि कानून रद्द करने को तैयार नहीं है.
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि मोदी सरकार को अहंकार त्याग कर तीनों विवाद ग्रस्त कृषि कानून को रद्द करना चाहिए.
नगर परिषद के चुनाव के मद्देनज़र फिरोजपुर के ग्रामीण क्षेत्र में पड़ने वाले तलवंडी भाई, ममदोट और मुदकी का दौरा करने बाद सुखबीर सिंह बादल पत्रकारों के साथ बातचीत कर रहे थे.
बादल ने कहा कि देश भर के किसान इन काले क़ानूनों को रद्द करवाने के लिए एकजुट हैं क्योंकि यह किसानों का भविष्य पूरी तरह से तबाह कर देंगे.
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि सारी दुनिया देख रही है कि देश के किसान दिल्ली की सीमाओं पर शांतिपूर्ण ढंग के साथ रोष प्रदर्शन कर रहे हैं.
उन क़ानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं, जिनके बारे में केंद्र का दावा है कि यह किसानों के लिए लाभदायक है, वहीं किसान कह रहे हैं कि उन्होंने तो यह कानून बनाने की मांग ही नहीं की थी.
अकाली दल के प्रधान ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के प्रधान सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा खिलाफ झूठा केस दर्ज करने की भी निंदा की और कहा कि जो कोई भी किसानों की हिमायत कर रहा है.
केंद्र सरकार उनके प्रति बदले की भावना से राजनीति कर रही है, उन्होंने कहा कि सिरसा किसानों के लिए पहले दिन से लंगर की व्यवस्था कर रहे हैं.
वह इस संकट की घड़ी में किसानों के साथ डटे हुए हैं और यही कारण है कि उनको झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है.
बादल ने कैप्टन सरकार को सलाह दी है कि वह अपनी की हुई घोषणाओं को अमलीजामा पहनाएं, उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने आज तक अपना एक भी वादा पूरा नहीं किया और घोषणाओं को कभी अमलीजामा नहीं पहनाया है.
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि घोषणा करना अलग बात है, लेकिन उनको अमल में लाना अलग बात है, उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव के समय लोगों ने अमरिंदर सिंह को घोषणाएं करते देखा है परन्तु इन्हें पूरा करते नहीं देखा है.
इस मौके पर उनके साथ जनमेजा सिंह सेखों, जोगिन्द्र सिंह जिन्दू, मोंटू वोहरा, वरदेव सिंह मान और रवीन्द्र सिंह बब्बल भी उपस्थित थे.