नई दिल्ली : टूलकिट मामले में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की जमानत याचिका पर अपना फैसला मंगलवार तक सुरक्षित रख लिया है.
कई घंंटों तक चली इस सुनवाई के दौरान पुलिस ने रवि पर कई आरोप लगाए, पुलिस ने अदालत में कहा कि दिशा रवि ने व्हाट्सऐप पर हुई बातचीत मिटा दी, वह कानूनी कार्रवाई से अवगत थी.
इससे जाहिर होता है कि टूलकिट के पीछे नापाक मंसूबा था, पुलिस ने का कि दिशा रवि भारत को बदनाम करने, किसानों के प्रदर्शन की आड़ में अशांति पैदा करने की वैश्विक साजिश के भारतीय चैप्टर का हिस्सा थीं.
पुलिस ने यह भी आरोप लगाया कि दिशा रवि टूलकिट तैयार करने और उसे साझा करने को लेकर खालिस्तान समर्थकों के संपर्क में थी.
दिल्ली पुलिस ने अदालत में कहा कि प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस, ने 11 जनवरी को इंडिया गेट, लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराने वाले को इनाम देने की घोषणा की थी.
उन्होंने कहा कि ये संगठन कनाडा से संचालित था और चाहता था कि कोई व्यक्ति इंडिया गेट, लाल किले पर झंडा फहराए, वे किसानों के विरोध की आड़ में ऐसी गतिविधियों को अंजाम देना चाहते थे और यही कारण है कि इसमें पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन शामिल है.
दिल्ली पुलिस ने कहा कि वैंकूवर में खालिस्तान के संबंध में भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है, किसान एकता कंपनी नामक एक संगठन वैंकूवर में एक अन्य संगठन के संपर्क में है.
एडिशन अटॉर्नी जनरल एसवी राजू ने पूछा 26 जनवरी की हिं’सा के साथ टूलकिट के संबंध में आपके पास क्या सबूत हैं? दिल्ली पुलिस ने इस पर कहा कि जांच जारी है और ‘हम चीजों का पता लगा रहे हैं.
वहीं दिशा रवि के अधिवक्ता ने उनकी जमानत अर्जी पर अदालत से कहा कि दिशा रवि बिना किसी उद्देश्य के एक विद्रोही नहीं हैं, पर्यावरण और कृषि का उद्देश्य है, तथा दोनों के बीच एक संबंध है.
उन्होंने कहा कि दिशा रवि का प्रतिबंधित संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ के साथ संबंध होने का कोई सबूत नहीं है, बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि यदि मैं किसी से मिलती भी हूं, तो उसपर कोई निशान नहीं लगा है कि वह पृथकतावादी है.
उन्होंने कहा कि किसानों के विरोध प्रदर्शन को वैश्विक रूप से रेखांकित करना राजद्रोह है, तो अच्छा है कि मैं जेल में रहूं, दिशा के वकील ने कहा कि एफआईआर में आरोप है कि योग और चाय को निशाना बनाया जा रहा है, क्या यह अपराध है.