नई दिल्ली: यूपी सरकार का मजदूरों के अधिकारों पर हमले का सिलसिला जारी है, आज जब देश भर के मजदूर सड़क पर हैं तब उसने एक और मजदूर विरोधी फरमान जारी कर दिया है, राज्यपाल के जरिये अध्यादेश जारी कर यूपी सरकार ने सूबे में अगले छह महीनों तक के लिए हड़ताल पर पाबंदी लगा दी है, और यह सब कुछ उसने कोविड 19 के दौरान हासिल आपात स्थितियों की आड़ में किया है,
सरकार द्वार जारी अधिसूचना में कहा गया है कि “उत्तर प्रदेश राज्य सरकार से संबंधित किन्ही भी कार्यकलापों तथा राज्य सरकार के स्वामित्वाधीन या नियंत्रणाधीन किसी निगम के अधीन किसी सेवा तथा स्थानीय प्राधिकरण के अधीन किसी सेवा” में अगले छह महीनों तक के लिए हड़ताल प्रतिबंधित रहेगी,
इसके पहले योगी सरकार ने मजदूरों के श्रम कानूनों पर तीन साल के लिए रोक लगा दी थी, यह सब कुछ उसने कोविड 19 महामारी की आड़ में किया, योगी सरकार ने मजदूरों के काम करने के घंटे को भी 8 से बढ़ाकर 12 कर दिया था, लेकिन इस मामले में वर्कर्स फ्रंट के इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने के बाद सरकार ने अपने कदम पीछे खींच लिए, क्योंकि सरकार के पास वह कानून नहीं था जिसके तहत वह इस तरह का कोई फरमान जारी कर सके, एक बार फिर सरकार ने बता दिया है कि उसके ऊपर मजदूरों का कोई दबाव काम करने नहीं जा रहा है और वह खुले तौर पर कारपोरेट और पूंजी के पक्ष में है
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