नई दिल्ली : भारत की अपनी तीन दिवसीय यात्रा की शुरुआत करते हुए अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जे ऑस्टिन ने कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग की गहराई व्यापक रक्षा साझेदार के महत्व को दर्शाती है और वे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सामने आने वाली चुनौतियों पर मिलकर काम कर सकते हैं.

ऑस्टिन ने राजनाथ सिंह से मुलाकात की, ऑस्टिन के भारत आने का उद्देश्य हिंद-प्रशांत सहित क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य आक्रमकता के मद्देनजर द्विपक्षीय रक्षा एवं सुरक्षा संबंधों को और मजबूत करना है, राजनाथ सिंह से मुलाकात से पहले ऑस्टिन को विज्ञान भवन में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.

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ऑस्टिन की पहली विदेश यात्रा के दौरान तीन देशों के दौरे में भारत तीसरा पड़ाव है, उनकी इस यात्रा को जो बाइडन प्रशासन के अपने करीबी सहयोगियों और क्षेत्र में साझेदारों के साथ मजबूत प्रतिबद्धता के तौर पर देखा जा रहा है.

ऑस्टिन ने सीएम मोदी से मुलाकात की थी, उन्होंने ट्वीट किया, यहां भारत में आकर रोमांचित हूं, हमारे दोनों देशों के बीच सहयोग की गहराई हमारी व्यापक रक्षा साझेदारी के महत्व को दर्शाती है और हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र के सामने आने वाली चुनौतियों पर मिलकर काम कर सकते हैं.

राजनाथ सिंह ने कहा कि उनकी भारत यात्रा निश्चित रूप से दो देशों के बीच सहयोग और साझेदारी को और मजबूत करने वाली है, सिंह ने ट्वीट किया, कल होने वाली बैठक के लिए उत्सुक हूं, ऑस्टिन की पालम हवाई अड्डे पर भारत के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों और अमेरिकी दूतावास के राजनयिकों ने अगवानी की.

उनकी यात्रा की तैयारियों और एजेंडा की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत में भारत-अमेरिका संबंध को और प्रगाढ़ करने के तरीकों, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने, पूर्वी लद्दाख में चीन के आक्रामक व्यवहार, आतंकवाद से पैदा हुई चुनौतियों और अफगान शांति वार्ता पर जोर रहने की उम्मीद है.

उन्होंने बताया कि तीन अरब डॉलर से अधिक की लागत से अमेरिका से करीब 30 मल्टी-मिशन सशस्त्र प्रीडेटर ड्रोन खरीदने की भारत की योजना पर भी चर्चा होने की उम्मीद है, ये ड्रोन सेना के तीनों अंगों के लिए खरीदने की योजना है.

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