नई दिल्ली : उत्तराखंड की सियासत में इन दिनों भूचाल आया हुआ है, भूचाल आने का कारण राज्य में सरकार चला रही बीजेपी के एक विधायक पर बलात्कार का आरोप लगना है, हालांकि विधायक ने आरोप से इनकार किया है लेकिन चाल, चरित्र और चेहरे की बात करने वाली पार्टी विधायक के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने को लेकर दबाव में है, इससे पहले 2018 में बीजेपी के संजय कुमार पर #METoo के दौरान एक महिला ने आरोप लगाए थे और पार्टी को उन्हें पद से हटाना पड़ा था.
आरोपी बीजेपी विधायक का नाम महेश नेगी है और वे अल्मोड़ा जिले की द्वाराहाट सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं, यह मामला तब सामने आया जब आरोप लगाने वाली महिला ने एक वीडियो जारी किया, महिला का वीडियो सोशल मीडिया पर ख़ासा वायरल है, महिला वीडियो में कहती है, ‘महेश नेगी पिछले दो साल से मेरे साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बना रहे हैं, मैं उनके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना चाहती हूं तो उनकी पत्नी ने मेरे ख़िलाफ़ झूठा मुक़दमा दर्ज कर दिया है कि मैं उनसे 5 करोड़ रुपये मांग रही हूं, मेरी एक बेटी भी है, मुझे अपनी और अपनी बेटी की जान की परवाह है, मैं विधायक के ख़िलाफ़ कोर्ट में मुक़दमा लड़ना चाहती हूं.’ महिला आगे कहती है, ‘मैं अपनी बेटी का डीएनए टेस्ट करवाना चाहती हूं, मेरी बेटी का डीएनए अगर उनसे मैच होता है तो मैं अपनी बेटी को वो सारे हक दिलाना चाहती हूं जो एक बेटी को मिलने चाहिए,’
महिला कहती है कि पुलिसकर्मी उसे कोरोना के बहाने से ले गए और थाने में बुलाकर दबाव बनाया और पूछा कि तुम किस तरह से इस मामले से निपटना चाहती हो, महिला के मुताबिक़, वह डीएनए टेस्ट कोर्ट के जरिये ही कराना चाहती है, महिला आगे कहती है कि 5 करोड़ रुपये की बात पूरी तरह झूठ है, विधायक की पत्नी द्वारा पुलिस में महिला के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई गई है, एफ़आईआर में कहा है कि आरोप लगाने वाली महिला ने उन्हें फ़ोन किया और 5 करोड़ रुपये की मांग की, इसके अलावा महिला ने बलात्कार के झूठे केस में फंसाने और राजनीतिक करियर बर्बाद करने की भी धमकी दी, इसके बाद महिला की ओर से भी पुलिस में शिकायत दी गई है. इस मामले को लेकर उत्तराखंड की सियासत बेहद गर्म है और विपक्षी दलों के नेता सोशल मीडिया पर बीजेपी पर तीख़े तंज कस रहे हैं.
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, महेश नेगी ने कहा, ‘मेरे ख़िलाफ़ लगाए गए आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं, ये अपराधियों का एक गैंग है जो पैसे कमाने और नेता बनने के लिए इस तरह के शॉर्टकट का इस्तेमाल कर रहा है, इनका जल्द ही पर्दाफ़ाश किया जाएगा, आरोप लगाने वाली महिला के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज हो गई है और मामले की जांच जारी है,’ ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, बंशीधर भगत का कहना है कि पार्टी पुलिस की जांच के निष्कर्ष के आधार पर इस मामले में कोई फ़ैसला लेगी, उन्होंने कहा कि यहां यह भी सवाल उठता है कि महिला ने दो साल बाद शिकायत क्यों दर्ज कराई, भगत ने कहा कि अगर महिला का उत्पीड़न हो रहा था तो उसने पहले शिकायत क्यों नहीं दर्ज कराई.
इस मामले में उत्तराखंड महिला आयोग का कहना है कि महिला की शिकायत पर अभी तक एफ़आईआर दर्ज नहीं हुई है, आयोग की अध्यक्ष विजया बड़थ्वाल ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से मंगलवार को कहा कि एसएसपी, देहरादून को पत्र लिखकर पूछा गया है कि अभी तक एफ़आईआर क्यों नहीं दर्ज की गई है, बड़थ्वाल ने कहा कि एसएसपी, अल्मोड़ा से भी मामले की जांच करने और 29 अगस्त तक रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है, इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा है कि मामले में निष्पक्ष जांच नहीं हो रही है और महिला की एफ़आईआर तक दर्ज नहीं हो रही है, दसौनी ने कहा कि दूसरी ओर विधायक की पत्नी महिला पर आरोप लगाती है तो उनकी एफ़आईआर तुरंत दर्ज कर ली जाती है, दसौनी ने कहा कि निष्पक्ष जांच के लिए बीजेपी को अपने विधायक को निलंबित करना चाहिए जिससे वह अपने पद का दुरुपयोग न कर सकें.
रिपोर्ट सोर्स, पीटीआई
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