Header advertisement

उपराष्ट्रपति का बड़ा बयान, बोले- ‘राष्ट्रवाद का मतलब केवल ‘जय हिंद’ कहना या ‘जन गण मन’ गाना नहीं’

नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि राष्ट्रवाद का मतलब सिर्फ जय हिंद कहना या ‘जन गण मन’ या ‘वंदे मातरम’ गाना नहीं है.

‘जय हिंद’ का मतलब हर भारतीय की जय हो है, जो तब संभव है जब उनकी जरूरतों का ध्यान रखा जाता है, उन्हें ठीक से खाना मिलता हो, वो कपड़े पहनें और भेदभाव का सामना न करें,

नायडू ने कहा कि ‘राष्ट्र’ का मतलब भौगोलिक सीमा नहीं है, राष्ट्र में सब कुछ है, उनका कल्याण, राष्ट्रवाद है.

हमारी एक शानदार सभ्यता है जो एक-दूसरे की देखभाल करने और समस्याओं को साझा करने का प्रतीक है, हमारे पूर्वजों ने हमें सीख दी है कि पूरा ‘विश्व एक परिवार है.

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने युवाओं से अनुरोध किया कि वे नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन से प्रेरणा लें और समाज से गरीबी, अशिक्षा, सामाजिक व लैंगिक भेदभाव और भ्रष्टाचार जैसी बुराइयों को दूर करने के लिए काम करें.

नायडू हैदराबाद में तेलंगाना सरकार के एमसीआर मानव संसाधन विकास संस्थान में बुनियादी पाठ्यक्रम में शामिल प्रशिक्षु अधिकारियों को बोस की जयंती पर संबोधित कर रहे थे.

भारत की 65 फीसदी आबादी के 35 साल से कम उम्र के होने का जिक्र करते हुए नायडू ने कहा कि युवाओं को नए भारत (एक खुशहाल और समृद्ध भारत जहां सभी के लिए समान अवसर हों, जहां किसी तरह का भेदभाव न हो) के लिए आगे आकर नेतृत्व करना चाहिए.

स्वतंत्रता आंदोलन को लेकर अलग-अलग नेताओं के अलग रुख के बारे में उपराष्ट्रपति ने कहा कि अंतिम लक्ष्य देश को औपनिवेशिक शासन से आजाद कराना था.

नेताजी की देश से जाति व्यवस्था को खत्म करने की इच्छा का जिक्र करते हुए नायडू ने कहा कि 1940 के दशक में भी सभी जाति, संप्रदाय और धर्म के सैनिक साथ रहते थे, साझा चूल्हे से खाना खाते थे और भारतीय के तौर पर लड़ते थे.

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *