नई दिल्ली/चंडीगढ़ : भाजपा से किसानों की उम्मीद थी ही नहीं मगर जजपा को किसानों ने दिल खोल कर वोट दिया था कि वह देवीलाल का वंशज है, किसानों के हित के लिए मजबूती से खड़ा होगा। आज जब किसान पहले से ही बदहाल है, अनेक फसलों पर MSP मिलता नहीं है। किसानों पर सरकार कानून का सहारा लेकर बड़ा हमला कर रही है। और दुष्यंत चौटाला सत्ता से चिपके है। 6 अक्टूबर 20 हरियाणा के 17 किसान संगठनों के आह्वान पर किसान सिरसा में दुष्यंत चौटाला के घर का घेराव करेंगें । अखिल भारतीय संघर्ष समन्वय समिति (AIKSCC) ने इस आह्वान का समर्थन किया है।
ये हैं 10 सवाल :
1. क्या आपने या आप की पार्टी ने आज तक इन तीन कानूनों जैसे किसी बदलाव या लाने की मांग की थी?
2. क्या भाजपा सरकार ने अध्यादेशों को लाने से पहले या उसके बाद आपकी पार्टी की राय ली थी?
3. क्या इन तीनों कानूनों का कोरोनावायरस या लॉकडाउन से कोई संबंध था? नहीं तो इन्हें इस महामारी के बीच अध्यादेश के जरिए क्यों लाया गया?
4. राज्यसभा में बिना वोट के जिस तरह से इन कानूनों को पास किया गया क्या उसका समर्थन करते हैं?
5. अगर इन कानूनों से एमएससी को कोई खतरा नहीं है तो क्यों नहीं MSP को कानून में शामिल कर लिया जाता?
6. आवश्यक वस्तु कानून में बदलाव कर कम्पनियों को जमाखोरी की खुली छूट देने से किसान को क्या व कैसे फायदा होगा?
* क्या कम्पनियां को किसान व कंज्यूमर दोनों को लूटने का अधिकार दिया गया है?
7. बिना टेक्स दिए कम्पनियों को मंडी से बाहर खरीद की छूट और मंडी में खरीददार पर भारी टेक्स क्या मंडी को खत्म करने का एजेंडा नहीं है?
* क्या इससे किसान खुली मंडी में बोली लगाकर फसल बेचने से वंचित नहीं होगा?
* फसल खरीददार पर टैक्स से किसानों को जो सड़कों जैसी सुविधा मिलती है वह खत्म न होगी?
8. फसल पकने से पहले कम्पनियों से एग्रीमेंट के नाम पर किसान से दस्तखत करवाना उसकी अपनी लूट पत्र पर मोहर लगवाना न होगा ?
* क्या किसान बड़ी कम्पनियों से हक ले भी पायेगा?
9. दुष्यंत जी आप बार बार कह रहे हैं कि राज्य में हर फसल MSP पर बिकेगी। फिर MSP पर खरीद का कानून या सरकारी आदेश क्यों नहीं जारी हुआ ? इस वक्त आपकी आंख के सामने फसलें MSP (एमएसपी) पर बिक नहीं रही, ऐसा क्यों ? फिर भी क्यों आप कुर्सी से चिपके हैं ?
10. जब देश में एक भी किसान संगठन या किसान नेता इन कानूनों के समर्थन में बोलने को तैयार नहीं तब चौधरी देवी लाल का वंशज इनकी ढाल बनकर क्यों खड़ा हुआ है?
ब्यूरो रिपोर्ट, चंडीगढ़