लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे के सभी विकास प्राधिकरणों की कार्यप्रणाली में व्यापक सुधार की जरूरत जताते हुये कहा कि प्राधिकरणों की योजनाएं समयबद्ध होने के साथ साथ जनहित पर केंद्रित हों और अनावश्यक नागरिकों को परेशान न किया जाए। सीएम योगी ने सोमवार अपने आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक में कहा कि विकास प्राधिकरणों में कई स्तरों पर कार्यप्रणाली में व्यापक सुधार की जरूरत है। पहले सम्बंधित विभाग स्थानीय स्तर पर इनकी समीक्षा कर संचालित परियोजनाओं की स्थिति का परीक्षण कर लें, इसके बाद वह स्वयं भी एक-एक प्राधिकरण की समीक्षा करेंगे।

उन्होने किसानों के हितों के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि सभी धान क्रय केन्द्रों पर प्रोक्योरमेन्ट की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) का लाभ किसानों को समय से मिले। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी धान क्रय केंद्रों की समीक्षा की जाए। सीएम योगी ने कहा कि कुछ अराजक तत्व व्यवस्था में गड़बड़ी करने की फिराक में हैं। कतिपय शिकायतें भी मिली हैं। इन लोगों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। किसानों के हितों के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री ने औद्योगिक निवेश के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को और सरल करने के निर्देश देते हुए इन्वेस्ट यूपी, यूपीसीडा और विकास प्राधिकरणों में योग्य और कर्मठ अधिकारियों की तैनाती की जरूरत बताई।

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उन्होने बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के अंतर्जनपदीय तबादलों की प्रक्रिया शीघ्रता से पूरी करने के निर्देश भी दिए और कहा कि इस संबंध में जो भी गतिरोध थे, अब समाप्त हो चुके हैं। यह युवाओं की सुविधा का विषय है। इसमें तत्परता बरती जाए। उन्होने कहा कि शीघ्र ही केंद्रीय शहरी विकास मंत्री के साथ प्रदेश की स्मार्ट सिटी और अमृत योजना की समीक्षा की जाएगी। यह कार्य जनहित से जुड़े हैं। इनकी सतत निगरानी की जाए। अधिकारी इन्हें प्राथमिकता में रखें। सीएम योगी ने नवलोकर्पित कैलास मानसरोवर भवन को प्रदेशवासियों के लिए बेहतरीन तोहफा बताते हुये कहा कि यह भवन कैलाश मानसरोवर यात्रा, सिन्धु दर्शन यात्रा, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री आदि यात्राओं के श्रद्धालुओं को समर्पित है।

सीएम योगी ने सभी सरकारी चिकित्सा संस्थानों में व्यवस्था सुधार के निर्देश दिए और कहा कि अब हम सभी कोविड अनलॉक के एक नए चरण में प्रवेश कर रहे हैं, कोविड वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू होने के आसार हैं, लेकिन इस बीच अन्य रोगों से ग्रसित रोगियों के उपचार में किसी तरह की लापरवाही नहीं होनी चहिए। प्रदेश के सभी मेडिकल संस्थानों में ओपीडी की व्यवस्था सुचारू की जाए। इससे आम जनमानस को बड़ी सहूलियत होगी।

मुख्यमंत्री ने सहारनपुर, अलीगढ़ और आजमगढ़ में प्रस्तावित राज्य विश्वविद्यालयों तथा अटल बिहारी बाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ के निर्माण शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि इन संस्थानों की स्थापना सरकार की प्राथमिकता में है। इनके डीपीआर शीघ्र तैयार कर लिए जाएं। यह परियोजनाएं जन महत्व की हैं, इनमें कतई विलम्ब नहीं होना चाहिए।

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