रजिया ने रचा इतिहास,बीपीएससी से डीएसपी बनने वाली बिहार की पहली मुस्लिम महिला बनीं
बिहार
बिहार लोक सेवा आयोग ने 64वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया है। इस बार की इस परीक्षा में कुल 1454 छात्रों का चयन किया गया है। बीपीएससी की इस भर्ती परीक्षा के लिए 4 लाख 71 हजार से अधिक उम्मीदवारों ने आवेदन किया था, जिसमें से 1454 छात्रों ने बाजी मारी है।
मशरक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पूर्व प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एआर अंसारी की भतीजी रजिया सुल्तान ने बीपीएससी की 64वीं परीक्षा में सफल होकर इतिहास रच दिया। उसका चयन डीएसपी में हुआ है।
वह बिहार की पहली मुस्लिम महिला है जिसका चयन डीएसपी के लिए हुआ है। रजिया गोपालगंज के हथुआ के रतनचक की रहने वाली है। इस बार 40 डीएसपी में चार मुस्लिम हैं। कुल 1454 में 98 मुस्लिम उम्मीदवार कामयाब हुए हैं।
रजिया के पिता का इंतकाल हो चुका है। वह बोकारो स्टील प्लांट में स्टेनोग्राफर थे। रजिया के चाचा मशरक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। सात भाई बहनों में वह सबसे छोटी हैं। इकलौता भाई एमबीए कर झांसी में एक निजी कंपनी में काम करता है।
रजिया ने 2009 में बोकारो से मैट्रिक की परीक्षा पास की। 2011 में बोकारो से प्लस टू और फिर जोधपुर से इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग में स्नातक पास किया। 2017 से वह बिजली विभाग में सहायक अभियंता के पद पर कार्यरत हैं।
रजिया ने बताया कि पटना में बीपीएससी की कोचिंग हिंदी में होती है, इसलिए वह सहज नहीं थीं। सेल्फ स्टडी की और अंग्रेजी माध्यम में सभी पेपर दिये। उनका सब्जेक्ट श्रम एवं समाज कल्याण था।
पटना में नौकरी करते हुये तैयारी की और पहले ही प्रयास में सफलता पायी। आगे यूपीएससी की तैयारी करने की कोई प्लानिंग नहीं है।
रजिया ने बताया कि डीएसपी के रूप में उनकी पहली प्राथमिकता क्राईम कंट्रोल होगी। साथ ही घरेलू हिंसा या महिलाओं के साथ होने वाली वारदात को रोकना होगा।
कोचिंग जगत से जुड़े डॉ. एम रहमान ने बताया कि बीपीएससी से अबतक बिहार की कोई मुस्लिम महिला डायरेक्ट डीएसपी नहीं बनी थी। मुस्लिम छात्राओं के लिए रजिया सुल्तान प्रेरणास्रोत है।